अर्ली स्पोर्ट्स/नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के राष्ट्रीय कोच की नियुक्ति के लिए आवेदन की आखिरी तारीख बुधवार (31 मई) को खत्म होने के साथ ही यह लगभग तय हो गया है कि कोच अनिल कुंबले के एक साल के कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि कप्तान विराट कोहली को कोच अनिल कुंबले की कार्यशैली से आपत्ति है।
भले ही बीसीसीआई के अधिकारी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) इस बात की लगातार कोशिश कर रहे हैं कि कोहली और कुंबले में आपसी बातचीत का सिलसिला शुरू हो सके जो कि कुछ समय से कप्तान और कोच के बीच बिल्कुल बंद है।
उम्मीद की जा रही है कि सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के नेतृत्व में बनी समिति जून माह के अंत में कोच पद के लिए आए आवेदन की छंटनी करेगी. गुरुवार (1 जून) से इंग्लैंड में शुरू हो रहे आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी में भारत रविवार (4 जून) को पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेलने उतरेगी जो कि संभवतः बतौर कोच कुंबले का आखिरी असाइनमेंट हो सकता है।
एक बीसीसीआई अधिकारी के मुताबिक, ‘कुंबले और कोहली के बीच परेशानी तुरंत की नहीं है, लेकिन दोनों के बीच की यह लड़ाई अब सबके सामने आ गई है। हाल ही में इसका संकेत नवंबर 2016 में गुजरात के राजकोट में इंग्लैंड के साथ शुरू हुई सिरीज़ में देखने को मिला। सिर्फ विराट ही नहीं, बल्कि कुछ खिलाड़ियों ने भी हमें यह बताया कि वे कुंबले के काम करने के तरीके से खुश नहीं हैं। ख़ासतौर पर जब कप्तान खुश नहीं है तो हम या फिर कोई भी बाहरी कुछ कर सकता है। ‘
ऐसा भी माना जा रहा है कि कुंबले का खिलाड़ियों और खुद के लिए ज्यादा पैसा मांगना भी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को रास नहीं आया और इसी कारण उसने कुंबले का एक साल का कार्यकाल खत्म होने के बाद नए कोच के लिए आवेदन मंगाए हैं।
पता चला है कि बीसीसीआई चार जून को पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले के बाद कोचों के साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। कुंबले का एक साल का कार्यकाल चैम्पियंस ट्रॉफी के साथ खत्म हो रहा है। बीसीसीआई स्पष्ट है कि फैसला चाहे जो भी हो इसे चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद टीम के वेस्टइंडीज दौरे पर रवाना होने से पहले किया जाए।