सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बोला कि देश व समाज के कल्याण की कामना के लिए बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने आया हूं. सावन के महीने में मार्कंडेय महादेव के दर्शन के साथ ही शिवभक्तों का भी दर्शन मिला है. शिव भक्तों की सुरक्षा, सुविधा, मंदिरों की व्यवस्था को देखने आया हूं.
भक्तों की सुविधा के लिए व क्या बंदोवस्त किए जा सकते हैं उसको भी जानने के लिए आया हूं. उन्होंने बोला कि मुख्य सड़क से मार्कंडेय धाम तक की जर्जर सड़क का चौड़ीकरण कराया जाएगा. CM योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बनारस के मार्कंडेय महादेव दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे थे.
शाम 5:30 बजे मुख्यमंत्री के पहुंचते ही कांवरिया व भक्तों ने उनका हर-हर महादेव के जयघोष के साथ स्वागत किया. मुख्यमंत्री ने भी सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन किया. मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर मुख्य द्वार तक खड़े भक्त हर-हर महादेव का जयघोष करते रहे.
अपने गोरक्षनाथ पीठ की परंपराओं के अनुरूप मुख्यमंत्री मंदिर में बिल्कुल उसी रूप में दिखाई दिए. सर पर भगवा साफा बांधकर मुख्यमंत्री ने देवाधिदेव महादेव का विधिवत पूजन संपन्न किया. यह पहला मौका है कि जब सावन के महीने में किसी मुख्यमंत्री ने मार्कंडेय महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन किया.
आधे घंटे तक उन्होंने मंदिर परिसर में जलाभिषेक के बाद महादेव की विधिवत आराधना की. मंदिर के पुजारी श्यामू महाराज के साथ गोस्वामी समाज के पुजारियों ने षोडशोपचार विधि से CM को पूजन कराया. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ। महेंद्र नाथ पांडेय, राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी भी साथ में मौजूद रहे.
मार्कंडेय धाम में प्रशासन ने रोका कांवरियों का रास्ता
मार्कंडेय महादेव धाम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा कांवरियों के लिए कठिनाई का सबब बना रहा. मुख्यमंत्री के दर्शन के दौरान प्रशासन ने एक घंटे से अधिक समय तक कांवरियों का रास्ता ही बंद कर दिया. दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश नहीं मिलने से दूर-दराज से आए कांवरियों ने नाराजगी जताई. प्रशासन ने मुख्यमंत्री के आने के पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर एक किलोमीटर पहले कांवरियों को रोक दिया.
मुख्यमंत्री के जाते ही प्रशासन ने जब बैरिकेडिंग हटाई तो मंदिर परिसर में अव्यवस्था फैल गई. सैकड़ों की संख्या में कांवरियों के पहुंचने से मंदिर में अफरातफरी मच गई. व्यवस्था को संभालने में पुलिस को बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी. रविवार को मुख्यमंत्री के दौरे व दर्शन पूजन के कारण मार्कंडेय महादेव मंदिर में आने वाले कांवरियों को एक घंटे पहले ही मंदिर से एक किलोमीटर दूर रोक दिया गया था.
बैरिकेडिंग लगाकर दर्शन के लिए रोके जाने से कांवरियों में नाराजगी थी. कांवर लेकर सुल्तानपुर, अमेठी, इलाहाबाद व दूर-दूर से आए कांवरियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की वजह से हमें रोका जाना अच्छा नहीं है. हम पैदल चल कर आते हैं व हमें दर्शन के लिए जाने देना चाहिए.
मुख्यमंत्री के मंदिर से निकलने के 10 मिनट बाद जब बैरिकेडिंग हटाई गई तो मंदिर परिसर में कांवरियों का सैलाब उमड़ पड़ा. एक साथ भारी संख्या में कांवरियों के पहुंचने के कारण मंदिर की व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई. भीड़ को संभालने में पुलिसवालों को बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी.