Breaking
Axiom 4 Space Mission: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवानाकहीं ये वर्ल्ड वॉर की दस्तक तो नहीं? ईरान ने किया अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला११वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का एस.एम.एस में आयोजनअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एकेटीयू ने सूर्य नमस्कार का बनाया रिकॉर्डएसआरएमयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजनअहमदाबाद प्लेन क्रैश: लंदन जाता प्लेन उड़ते ही हॉस्टल पर जा गिरा, 242 की मौतफिर से टल गया लखनऊ के शुभांशु शुक्‍ला का स्पेस मिशन मिशन, Axiom-4 में आई तकनीकी खराबीजीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़, 11 की मौत18 साल के इंतजार के बाद आरसीबी ने थामी ट्रॉफी, पहली बार जीता आईपीएल का खिताबSMS में मंथन ”कार्यक्रम के अन्तर्गत अनलीश योर बेस्ट सेल्फ शीर्षक पर व्याख्यान आयोजित
उत्तर प्रदेश

टिकैत ने किया लखनऊ का रूख, ऐतिहासिक होगी लखनऊ की किसान महापंचायत।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि “वे 22 नवंबर को लखनऊ आ रहे हैं, सरकार उनका स्वागत करने का इंतजाम करे।” इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि आंदोलनकारी नेताओं को लखनऊ और दिल्ली का फर्क समझना चाहिए।उसी के जवाब में तीन कृषि कानूनों को लेकर करीब एक साल से आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने अब लखनऊ पर चढ़ाई करने का ऐलान किया है।

दिल्ली देश की राजधानी है और लखनऊ राज्य की राजधानी है। यह महसूस करना होगा। किसान यहां आएगा तो उसका स्वागत होगा। कानून के साथ खिलवाड़ करेगा तो उस तरीके से भी उसका स्वागत होगा।

दो दिन पहले 9 नवंबर को राकेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा था कि “ऐतिहासिक होगी लखनऊ में आयोजित 22 नवंबर की किसान महापंचायत। SKM की यह महापंचायत किसान विरोधी सरकार और तीनों काले कानूनों के विरोध में ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। अब पूर्वांचल में भी और तेज होगा अन्नदाता का आंदोलन।”
किसानों के आपसी फूट पर उन्होंने कहा कि यह किसान है, इसका टेंप्रेचर काफी हाई होता है। 200 डिग्री टेंप्रेचर है। यह आपसी कुनबा है। यह चलता रहता है। टिकैत के विरोध में भाजपा की ओर से भी बीजेपी किसान मोर्चा 16 से 30 नवंबर के बीच पूरे उत्तर प्रदेश में अपनी ट्रैक्टर रैलियां निकालने जा रहा है। इसकी शुरुआत पूर्वांचल के मऊ से होगी। इसमें किसानों के लिए सरकार के कामों को गिनाया जाएगा।
इनके ऐलान के बाद टिकैत ने कहा कि ये भी ट्रैक्टर पर अनाज लाद लें और अपनी पार्टी का झंडा लगा लें और चलकर उसे मंडी में बेचें। ध्यान रखें कि ट्रैक्टर 10 साल पुराना न हो, नया ट्रैक्टर लेकर चलें। इधर 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर दिल्ली के तीनों बार्डर पर आंदोलनकारी नेता शक्ति प्रदर्शन करेंगे। 29 नवंबर से संसद के सत्र के दौरान हर दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने का काम शुरू होगा।
बहरहाल यूपी के चुनाव से पहले राजनीति और गर्माने वाली है। किसान अपना आंदोलन दिल्ली से लखनऊ शिफ्ट करके भाजपा को रोकने की कोशिश करेंगे तो वहीं विपक्ष किसानों के मुद्दे को उठाकर अपने को किसान हितैषी बताकर वोट पाने की रणनीति बनाएंगे। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के बीच टकराव के साथ अगले कुछ महीनों में आंदोलन की स्थिति और तेज होगी। जनता की नजर में सरकार और किसान आंदोलन करने वाले नेता अपनी-अपनी बात पर अड़े हैं।

Related Articles

Back to top button