Breaking
लखनऊ इंटिग्रल यूनिवर्सिटी पर एजेंसियों की नज़र हैदिल्ली बम ब्लास्ट में लखनऊ की इंटिग्रल यूनिवर्सिटी से आतंकी डा.परवेज़ ने मात्र 7 दिन पहले इस्तीफ़ा दियादिल्ली के लाल किला धमाके में मिले कारतूस और बम के अवशेषEarly News Hindi Daily E-Paper 10 November 2025सेना ने करी कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, एनकाउंटर में दो आतंकी ढेरशिक्षा और पलायन के लिए लोग डालें वोट-खेसारी लाल यादवबिहार सीएम नीतीश कुमार ने बख़्तियारपुर में डाला वोटक्रिकेट वर्ड चैंपियन भारतीय बेटियों से मिले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीबिहार विधानसभा चुनाव-प्रथम चरण में 121 सीटों पर मतदान जारीराहुल-हरियाणा सीएम ने कहा व्यवस्थाएँ हमारे साथ हैं
अर्ली बिज़नेसउत्तर प्रदेशराज्य

नैनो उर्वरकों से उत्पादन बढ़ेगा और लागत घटेगी : सचिन प्रताप सिंह

वैज्ञानिकों ने जैविक खेती और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर दिया बल

भारतेन्दु शुक्ल

अर्ली न्यूज़ नेटवर्क।

सीतापुर। कृषि में आधुनिक तकनीक और संसाधन दक्षता बढ़ाने की दिशा में, इफको द्वारा नैनो उर्वरक उपयोग महा अभियान के अंतर्गत किसान दिवस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र–II, कटिया, जनपद सीतापुर में किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए और नैनो उर्वरकों के उपयोग, उनके प्रभाव तथा लागत में कमी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की गईं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इफको सीतापुर के क्षेत्रीय अधिकारी सचिन प्रताप सिंह ने कहा कि नैनो उर्वरकों के प्रयोग से किसानों की उत्पादन लागत में कमी आएगी और फसल की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। श्री सिंह ने बताया कि नैनो DAP का उपयोग कर किसान पारंपरिक दानेदार DAP की मात्रा को आधा कर सकते हैं। बीज, कंद या जड़ उपचार के लिए प्रति किलोग्राम बीज पर 5 मिलीलीटर नैनो DAP का प्रयोग करें तथा फसल में 30–35 दिन बाद नैनो DAP का छिड़काव करें। इससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होगा और उर्वरक की बचत होगी।

उन्होंने किसानों को जैविक खेती अपनाने और इफको द्वारा चलाए जा रहे नैनो उर्वरक उपयोग जागरूकता अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने सागरिका, जल विलेय उर्वरक, नैनो जिंक और नैनो कॉपर जैसे उत्पादों की जानकारी दी, जिनके प्रयोग से किसान अपनी खेती की लागत को और कम कर सकते हैं।

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, के वैज्ञानिक सचिन प्रताप तोमर ने रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में बताया और किसानों को इनकी मात्रा घटाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अधिक यूरिया प्रयोग से कीट व रोगों का प्रकोप बढ़ता है और उत्पादन घटता है।

शैलेंद्र सिंह, प्रसार वैज्ञानिक ने किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की प्रेरणा दी, वहीं डॉ. आनंद सिंह ने पशुपालन एवं पशुओं की देखभाल से संबंधित उपयोगी जानकारी साझा की।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में लगाए गए नैनो उर्वरक प्रदर्शन प्लॉट का भ्रमण कराया गया, जहां उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और नैनो उर्वरकों के लाभों को प्रत्यक्ष रूप से देखा।

इस अवसर पर विमल कुमार वर्मा (SFA), रंजीत कुमार सहित लगभग 70 किसान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह, फार्म मैनेजर, कृषि विज्ञान केंद्र–II, कटिया, सीतापुर द्वारा किया गया।

Related Articles

Back to top button