उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए फूँक फूँक कर कदम रख रही भाजपा,टेनी को किया टाटा।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में चुनावी लड़ाई के मैदान में खड़े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी प्रकार का जोखिम नही लेना चाहते है, यूपी सरकार की मुसीबत बढ़ने से पहले,एक नई मुश्किल में फंसने से केंद्र उनको बचा लिया है। लखीमपुर खीरी कांड के बाद किसानों और विपक्ष के निशाने पर आए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ की एक गलती, उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान पर असर डाल सकती थी। और इस वक्त भाजपा किसी प्रकार का रिस्क नही लेना चाहती हैं ।केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास ऐसी जानकारी थी कि लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर में किसान सहकारी चीनी मिल के ’37वें पेराई सत्र के शुभारंभ’ पर अजय मिश्र टेनी का मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचना, बवाल मचा सकता है। किसान नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी दे रखी थी कि यदि अजय मिश्र ने वहां पर उद्घाटन किया तो मिल में गन्ना नहीं पहुंचेगा। मिल का गन्ना, डीएम कार्यालय में जाएगा। उनकी चेतावनी के बाद ‘टेनी’ को वहां जाने से रोक दिया गया।
किसान सहकारी चीनी मिल का ’37वां पेराई सत्र 24 नवंबर से शुरू होना था। लखनऊ में सोमवार को हुई किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्ख़ास्तगी की मांग की थी। कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी एवं दूसरे नेता भी लगातार अजय मिश्र की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ‘टेनी’ के बेटे को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लखीमपुर हिंसा के बाद, कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्वीट में कहा था, अजय मिश्रा टेनी जो कल तक मंच पर थे, अब फोटो से भी गायब हो चुके हैं। क्या सामने दिख रही हार से नरेंद्र मोदी डर गए हैं। लखनऊ में रविवार को हुए डीजीपी आईजी सम्मेलन के समापन पर अजय मिश्र उर्फ टेनी, नजर नहीं आए थे। हालांकि कुछ देर के लिए उनके वहां पहुंचने की बात कही गई थी। सम्मेलन के बाद जब प्रधानमंत्री के साथ हुए फोटो सेशन हुआ तो उस वक्त भी गृह राज्य मंत्री ‘टेनी’ मौजूद नहीं थे।
सूत्रों का कहना है, केंद्र के पास आईबी की ऐसी रिपोर्ट थी कि मिश्रा अगर पिराई सत्र के शुभारंभ पर जाते हैं तो वहां बवाल मच सकता है। किसान संगठनों के कई प्रतिनिधि अभी यूपी में मौजूद हैं। खासतौर पर, राकेश टिकैत की चेतावनी डराने वाली थी। यूपी पुलिस से भी इस बाबत रिपोर्ट मांगी गई थी। केंद्र और राज्य की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के बाद यह तय किया गया कि गृह राज्य मंत्री ‘टेनी’ को पिराई सत्र के उद्घाटन में नहीं जाना चाहिए। इससे किसानों के साथ दोबारा टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। राकेश टिकैत ने जो बात कही है, उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और दूसरे नेताओं के चुनावी दौर शुरू हो चुके हैं, तब कोई भी टकराव, पार्टी व सीएम योगी के लिए मुसीबत बन सकता है।