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अखिलेश यादव ने योगी सरकार में हुए कैबिनेट बदलाव को लेकर निशाना लगाया, मुकाबले पे आये केशव मौर्या

लखनऊ : यूपी युद्ध में अखिलेश के निशाने पर भाजपा सरकार है योगी सरकार की तरफ से निशाना साधते हुए केशव मौर्य ने अखिलेश यादव पर पलटवार किया और मुंह तोड़ जवाब दिया है. सपा प्रमुख व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार में हुए कैबिनेट बदलाव को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने इसे छलावा बताते हुए कहा है कि भाजपाई नाटक का समापन अंक शुरू हो गया।उनके इस बयान पर यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए पूछा है कि क्या आपके घराने के सांसद ही मंत्री बन सकते हैं।

अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि उप्र की भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी एक छलावा है। साढ़े चार साल जिनका हक़ मारा आज उनको प्रतिनिधित्व देने का नाटक रचा जा रहा है। जब तक नये मंत्रियों के नामों की पट्टी का रंग सूखेगा तब तक तो 2022 चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी। भाजपाई नाटक का समापन अंक शुरू हो गया है।

इसके साथ ही चुनावी तैयारियों को लेकर आजमगढ़ पहुंचे अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार जिस तरह से साढ़े चार साल बाद मंत्रिमंडल का विस्तार कर रही है। इससे कुछ नहीं होने वाला है। जाति के आधार पर मंत्री बनाने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए जातिगत मतगणना जरूरी है। वहीं यूपी के डिप्टी सीएम ने उनके इस बयान पर पलटवार किया है उन्होंने ट्विटर के माध्यम से अखिलेश यादव को जवाब देते हुए लिखा है कि अखिलेश यादव जी। जब भी पिछड़े और अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग को भाजपा सम्मान देती है तो आपको तकलीफ क्यों होती है। क्या आपके घर घराने में ही सांसद, विधायक और मंत्री हो सकते हैं? यूपी डिप्टी सीएम के अलावा यूपी बीजेपी चीफ स्वतंत्र सिंह ने भी विपक्षियों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर हमला बोला है।

उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि भाई, भतीजा, चाचा को मंत्रालय बांट कर जो लोग लूटने की रणनीति बनाते थे आज उन्हें योगी सरकार का नया मंत्रिमंडल खटक रहा है। स्वतंत्र देव सिंह के ट्वीट पर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के नेता अरुण राजभर ने उनके ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि भाजपा जातिवाद कर रही है तो समरसता का संदेश और दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन है। सुभासपा या और कोई दल कर दे तो बस जातिवाद और तुष्टिकरण।

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