नई दिल्ली : कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद से सभी अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं अब मुस्लिम समाज के जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत करते हुए अपनी बात भी सामने रखी।साथ ही मांग की है कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को भी कृषि कानूनों की तरह वापस ले ।
शुक्रवार को मीडिया में जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि एक बार फिर सच सामने आया है कि अगर किसी जायज मकसद के लिए ईमानदारी और धैर्य के साथ आंदोलन चलाया जाए तो उसमें कामयाबी जरूर मिलती है। सीएए आंदोलन ने किसानों को कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए प्रोत्साहित किया। क्योंकि किसानों की तरह सीएए के खिलाफ चले आंदोलन में महिलाएं भी न्याय के लिए दिन रात सड़कों पर बैठी रहीं। जनता के इरादों के आगे आंदोलन को तोड़ा या दबाया नहीं जा सका।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को अब उन कानूनों पर भी ध्यान देना चाहिए जो देश के अल्पसंख्यकों के संबंध में लाए गए हैं। कृषि कानूनों की तरह ही सीएए को भी वापस लेना चाहिए। इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि लोकतंत्र और जन शक्ति सर्वोपरि है।