सांसद अर्पिता घोष ने छोड़ी राज्यसभा सीट, जाने किसकी है ये सोची समझी योजना
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस सांसद अर्पिता घोष ने अपने सांसद पद को अचानक छोड़ दिया है और राज्यसभा की सदस्यता रद्द कर दी, सदन के सभापति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. माना जा रहा है कि अर्पिता ने इस्तीफा पार्टी की योजना के तहत दिया है. सुनने में आ रहा है कि जल्द ही अर्पिता घोष इस पद के लिए किसी और उम्मीदवार को भेजेंगी, अर्पिता घोष को इसके बदले में कुछ और कार्यभार सौंपा जाएगा ।अर्पिता घोष को मार्च 2020 में राज्यसभा भेजा गया था. वे 2019 में बलूरघाट से लोकसभा चुनाव हार गई थीं. इसके बाद पार्टी ने उन्हें उच्च सदन में भेजने का फैसला किया था.
इससे पहले टीएमसी ने कांग्रेस से आईं सुष्मिता देव को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है. सुष्मिता ने 16 अगस्त को कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था. टीएमसी ने मंगलवार को ट्वीट कर सुष्मिता देव को राज्यसभा चुनाव के लिए नॉमिनेट करने की जानकारी दी. टीएमसी ने कहा, ममता बनर्जी का एक ही उदेश्य है कि महिलाएं सशक्त बनें, राजनीति में उनकी सबसे ज्यादा भागीदारी रहे. उनका ये कदम उस उदेश्य को पूरा करने में मददगार रहेगा.
4 अक्टूबर को 7 सीटों पर होना है चुनाव
हाल ही में चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 7 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया. ये सीटें इस्तीफे, मौत और कार्यकाल पूरा होने की वजह से खाली पड़ी हैं. चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, तमिलनाडु में 2 सीटों, बंगाल, असम, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और मध्यप्रदेश की 1-1 राज्यसभा सीट पर उपचुनाव होना है.