New Delhi: ब्रिटेन द्वारा कोविशील्ड की मान्यता रद्द करने पर ब्रिटेन की जम कर आलोचना हो रही है, विदेश सचिव हर्षवर्धन ने कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हुए इसे गलत नीति करार दिया है, एस्ट्रेजेनिका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की तरफ से तैयार किए गए कोविशील्ड वैक्सीन को ब्रिटेन की तरफ से मान्यता नहीं देने की भारत सरकार ने आलोचना करते हुए इसे ‘भेदभावपूर्ण नीति’ करार दिया है. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि कोविशील्ड को लेकर भेदभावपूर्ण नीति के चलते ब्रिटेन जा रहे हमारे नागरिकों पर इसका असर पड़ रहा है.
विदेश सचिव ने कहा कि मूल मुद्दा यह है कि यहां कोविशील्ड नामक एक टीका है, मूल निर्माता यूके है. हमने यूके को उनके अनुरोध पर 50 लाख वैक्सीन खुराक प्रदान की है. इसका उपयोग उनकी स्वास्थ्य प्रणाली NHS द्वारा किया गया है.
उन्होंने कहा कि कोविशील्ड को मान्यता न देना एक भेदभावपूर्ण नीति है. विदेश मंत्री ने अपने यूके समकक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाया है. मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया गया है. हमने अपने सहयोगी देशों को टीकों की आपसी मान्यता की पेशकश की है. लेकिन ये पारस्परिक सहयोग से ही सम्भव है. अगर हमें संतुष्टि नहीं मिलती है तो हम पारस्परिक उपायों को लागू करने के अपने अधिकारों के लिए स्वतंत्र हैं.