पीयूष जैन पहुंचा कोर्ट करोड़ों का कालाधन जब्त होने के बाद, जाने क्या हुआ आगे

कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कानपुर और कन्नौज में डीजीजीआई की टीम ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर पर छापा मारा था, जिसमें सैकड़ों करोड़ों रुपये का कैश और भारी मात्रा में सोना-चांदी बरामद किया गया था. कालाधन रखने और टैक्स चोरी के आरोप में पीयूष जैन को गिरफ्तार किया गया था. अब मामला कोर्ट तक पहुंचा तो पीयूष जैन ने कबूल कर लिया कि यह पैसा टैक्स चोरी का ही था. वहीं, पीयूष ने कोर्ट से गुहार भी लगाई कि उसकी जब्त की गई संपत्ति में से टैक्स चोरी और पेनाल्टी समेत 52 करोड़ रुपये वसूल लिए जाएं और बाकी का बचा हुआ पैसा उसे लौटा दिया जाए.
पीयूष जैन ने कहा है कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय को 52 करोड़ रुपये काट लेने चाहिए और बाकी की सारी रकम उसे वापस कर देनी चाहिए. बता दें, पीयूष जैन कानपुर जेल में 14 दिन से न्यायिक हिरासत में है और जीएसटी की टीम लगातार उससे पूछताछ करने में जुटी है.
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कानपुर और कन्नौज में डीजीजीआई की छापेमारी कर पीयूष जैन के घर, कार्यालय और कारखाने से सैकड़ों करोड़ों रुपये कैश बरामद किया था. इसके बाद इतनी बड़ी रकम को जब्त कर लिया गया और जीएसटी की टीम ने पीयूष जैन को गिरफ्तार कर लिया. अब पीयूष जैन कोर्ट पहुंचा और याचिका दाखिल करते हुए कोर्ट से अपील की है कि टैक्स काटकर बकाया रकम उसे वापस की जाए.
आपको बता दें, डीजीजीआई के वकील अंबरीश टंडन ने बीते बुधवार जानकारी दी थी कि पीयूष के घर से बरामद किया गया पैसा चोरी का है और बरामद राशि को 42 पेटियों में रखकर बैंक में जमा करा दिया गया है. उन्होंने यह भी बताया था कि कानपुर में 177 करोड़ 45 लाख रुपये बरामद हुए हैं जो दो बार में बैंक में जमा किए जा चुके हैं. पहली बार 25 पेटियों में 109 करोड़ 34 लाख 74 हजार 240 रुपये और दूसरी बार में 17 पेटियों में 68 करोड़ 10 लाख 27 हजार की राशि बैंक भेजी गई.बताया जा रहा है कि डीजीजीआई ने भारत सरकार को एफडीआई के लिए पत्र लिखा है. दरअसल, पीयूष जैन ने कानपुर में 3 कंपनियां खोली थीं. उसने यह बात स्वीकारी भी है कि चार साल में इन कंपनियों के जरिए पीयूष ने छुप-छुप कर पान मसाला कंपाउंड बेचा था. हालांकि, अभी तक उसने यह नहीं बताया है कि सामान कहां से खरीदा या किसको बेचा. टैक्स चोरी की बात इससे साफ हो जाती है. डीजीजीआई के वकील ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि इस मामले में पेनाल्टी समेत 32 करोड़ का टैक्स बनाया गया है और 52 करोड़ की देनदारी बनती है.