Breaking
Axiom 4 Space Mission: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवानाकहीं ये वर्ल्ड वॉर की दस्तक तो नहीं? ईरान ने किया अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला११वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का एस.एम.एस में आयोजनअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एकेटीयू ने सूर्य नमस्कार का बनाया रिकॉर्डएसआरएमयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजनअहमदाबाद प्लेन क्रैश: लंदन जाता प्लेन उड़ते ही हॉस्टल पर जा गिरा, 242 की मौतफिर से टल गया लखनऊ के शुभांशु शुक्‍ला का स्पेस मिशन मिशन, Axiom-4 में आई तकनीकी खराबीजीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़, 11 की मौत18 साल के इंतजार के बाद आरसीबी ने थामी ट्रॉफी, पहली बार जीता आईपीएल का खिताबSMS में मंथन ”कार्यक्रम के अन्तर्गत अनलीश योर बेस्ट सेल्फ शीर्षक पर व्याख्यान आयोजित
Breaking Newsअंतर्राष्ट्रीय

चीन की तानाशाही रोकने के लिए अमेरिका किया दुम पर वार, बोखलाया ड्रैगन।

वॉशिंगटन : सुपर पॉवर अमेरिका और चीन मे एैसी ठनी है कि ये दुश्मनी जगज़ाहिर हो गई है और ये आज से नहीं बल्कि काफी पुरानी है। और इधर बीच में तो दोनों देशों के बीच जमकर टकराव देखने को मिल रहे हैं। चीन अपनी तानाशाही रवैया अपनाते हुए जबरन कई देशों के क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहा हो तो वहीं, अमेरिका ने उन देशों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले रखी है।जिसपर चीन बौखलाया हुआ है और उसका कहना है कि जो भी उसके काम के बीच में आएगा उसका अंजाम बुरा होगा। अब अमेरिका ने चीन को एक के बाद एक कर आठ चोट दिए हैं जिसके बाद ड्रैगन बौखला गया है।
इन दिनों चीन और अमेरिका दोनों के ही द्वारा एक दूसरे के खिलाफ उठाए जा रहे कदम इनके बीच तनाव में और ज्यादा इजाफा कर रहे हैं। अब अमेरिकी सरकार ने बुधवार को कथित तौर पर कई चीनी कंपनियों को अपने ट्रेड ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, अमेरिका ने कहा है कि ये कंपनियां चीनी सेना के क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयासों को विकसित करने में सहायता कर रही हैं।

आठ चीनी कंपनियों को चीनी सेना की सहायता करने में उनकी कथित भूमिका के लिए और मिलिट्री एप्लिकेशन को सपोर्ट करने के लिए अमेरिकी ऑरिजन की वस्तुओं को हासिल करने की कोशिश के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है। अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो एक बयान में कहा कि इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किए जाने से देश की टेक्नोलॉजी को चीन और रूस के सैन्य विकास को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा पाकिस्तान की असुरक्षित परमाणु गतिविधियां या बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को भी रोका जा सकेगा। चीनी कंपनियों पर यह पहली बार नहीं है जब ऐसे आरोप लगे हैं इससे पहले भी चीनी कंपनियां ऐसी हरकतों में लिप्त पाई गई हैं।

अमेरिका के इस कदम का ड्रैगन ने विरोध किया है। वाशिंगटन में मौजूद चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा है कि, अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा कैच-ऑल अवधारणा का इस्तेमाल करता है और हर संबव तरीकों से चीनी कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करता है। अमेरिका को चीन से गलत रास्ते पर आगे बढ़ने के बजाय उससे मिलने की जरूरत है।
अमेरिका ने ये कार्रवाई ऐसे समय में की है जब दोनों देश ताइवान को लेकर और व्यापार के मुद्दों पर आमने-सामने हैं। इन आठ चीनी कंपनियों को मिलकार अबतक कुल 27 नई कंपनियों को सूची में शामिल किया गया है। इसमें पाकिस्तान, जापान और सिंगापुर की कंपनियां भी हैं।

Related Articles

Back to top button