संपादकीय
देश ने उदारीकरण के जनक को खो दिया
सम्पादक- आनन्द गोपाल चतुर्वेदी
अर्ली न्यूज़नेटवर्क।
एक ईमानदार नेता मनमोहन, अलविदा
देश ने 26 दिसम्बर को आर्थिक उदारीकरण के जनक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन की खो दिया है।मनमोहन सिंह ने 2004 से लेकर 2014 तक देश का नेतृत्व किया।
जब मनमोहन ने संसद में कहा था।
हज़ारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी,ना जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
माना की तेरी दीद के काबिल नहीं हूँ मैं,
तू मेरा इंतज़ार देख तू मेरा शौख़ देख।
26 सितम्बर 1932 को मनमोहन सिंह जन्म हुआ था।
24 जुलाई 1991 को मनमोहन सिंह ने वित्तमंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश किया।नरसिंह राव उस समय देश के प्रधानमंत्री थे।
मनमोहन सिंह से न्यूक्लियर डील पर कड़ा फ़ैसला लिया,जबकि वो बहुत शान्त स्वभाव के जाने जाते थे।