IAS संजय प्रसाद सीएम योगी के क्यों हैं इतने विश्वासपात्र ,जाने कौन सी बड़ी जिम्मेदारी मिली?

आनन्द गोपाल चतुर्वेदी।
अर्ली न्यूज़ नेटवर्क।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शशि प्रकाश गोयल उर्फ एसपी गोयल के मुख्य सचिव बनाये जाने के बाद उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में अब 1995 बैच के आईएएस अधिकारी संजय प्रसाद को मुख्यमंत्री कार्यालय (पंचम तल) का नेतृत्व दिया गया है।
आपको बटादें दें कि संजय प्रसाद मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले हैं उनका जन्म 23 मई 1971 को हुआ था। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद 1995 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर IAS अधिकारी बने,उनकी पहली नियुक्ति 13 जून 1996 को आजमगढ़ में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट और असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई थी। इसके बाद वे मुजफ्फरनगर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रह चुके हैं। उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से माना जाता है।
जब 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसपी गोयल के मुख्य सचिव बने उसके बाद संजय प्रसाद की ताकत में और इजाफा हुआ है।बतादें कि एसपी गोयल पिछले साढ़े आठ साल से मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत थे,जोकि अब ब्यूरोक्रेसी की सबसे बड़ी कुर्सी पर विराजमान हो चुकें हैं।उनकी नियुक्ति वरिष्ठता और मुख्यमंत्री के भरोषे के आधार पर हुई है।अगर अचानक से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ तो श्रीगोयल जनवरी 2027 तक मुख्य सचिव के पद पर रहेंगे, जिससे उन्हें उत्तर प्रदेश सूबे की सरकार की प्रमुख योजनाओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार लागू करने और अगले विधानसभा चुनाव से पहले महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाने का मौका मिलेगा। दूसरी तरफ़ नियुक्ति विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। जिसमें संजय प्रसाद को एसपी गोयल की अनेक जिम्मेदारियां दे दी गई.वरिष्ठ IAS संजय प्रसाद को अब प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह, गोपन, सूचना, वीजा, पासपोर्ट, सतर्कता, नागरिक उड्डयन और राज्य संपत्ति विभाग जैसे महत्वपूर्ण प्रभार सौंपे गए हैं। यह नियुक्ति उनकी प्रशासनिक क्षमता और मुख्यमंत्री के विश्वास पर मोहर लगाती है।अब देखना है कि मुख्यसचिव IAS एसपी गोयल और IAS संजय प्रसाद की नई भूमिका से यूपी की नौकरशाही और सूबे में आगामी चुनाव वर्ष 2027 तक क्या बदलाव देखने को मिलते हैं।