Latest News
सी.एम.एस. में 22 नवम्बर से 54 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश व कानूनविद् पधारेंगे लखनऊरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय ने किया एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजनभूस्खलन की वजह से 80 लोगों की मौत, केरल में दो दिनों का शोक, राहुल-प्रियंका जाएंगे वायनाडबंथरा ब्राह्मण हत्या काण्ड: दिवंगत रितिक पाण्डेय के परिवार से मिलेगा ब्राह्मण प्रतिनिधि मंडलकारगिल युद्ध में भारत की विजय को आज 25 साल पूरे Early News Hindi Daily E-Paper 7 July 2024UK आम चुनाव में ऋषि सुनक की करारी हार, लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री7 जुलाई को गुजरात दौरे पर राहुल, गिरफ्तार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घर वालो से मिलेंगेEarly News Hindi Daily E-Paper 6 July 2024Early News Hindi Daily E-Paper 5 July 2024
 प्रादेशिकNewsअपना शहरउत्तर प्रदेशराज्यलखनऊशहर

राखी के बारे में बोलना UP स्पीकर को पड़ा भारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित यह कहकर विवादों में घिर गए हैं कि अगर कोई कम कपड़े पहनकर महान बन सकता है, तो बॉलीवुड अभिनेत्री राखी सावंत भी महात्मा गांधी से भी बड़ी हो जाती। उन्होंने रविवार को उन्नाव जिले के बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा द्वारा आयोजित ‘प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन’ (बुद्धिजीवियों की बैठक) में यह टिप्पणी की।

दीक्षित ने कहा कि हमारी राय में कोई भी किसी भी विषय पर किताब लिखने से बुद्धिजीवी नहीं बना है। अगर ऐसा है तो इतने सालों से मैंने कम से कम 6,000 किताबें पढ़ी हैं।

उन्होंने आगे कहा कि गांधीजी कम कपड़े पहनते थे। वह सिर्फ एक ‘धोती’ लपेटते थे। देश उन्हें बापू कहते थे। अगर कोई अपने कपड़े उतारकर महान बन सकता है, तो राखी सावंत महात्मा गांधी से बड़ी हो जाती।

उनके भाषण का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद उन्होंने हिंदी में स्पष्ट करने वाले ट्वीट्स की एक श्रृंखला डाली।

सोशल मीडिया पर कुछ दोस्त मेरे भाषण के वीडियो की क्लिप को दूसरे अर्थ के साथ दिखा रहे हैं। यह उन्नाव में ‘प्रबुद्ध सम्मेलन’ में मेरे भाषण का हिस्सा था, जिसमें ‘सम्मेलन’ के मॉडरेटर ने मुझे यह कहते हुए पेश किया कि ‘ मैं एक प्रबुद्ध लेखक हूं’।

उन्होंने स्पष्ट किया कि मैंने इस बात को आगे बढ़ाया और कहा कि किताबें लिखने से कोई बुद्धिजीवी नहीं बन सकता। गांधी जी कम कपड़े पहनते थे। वह सिर्फ धोती लपेटते थे। देश उन्हें बापू कहता था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर कोई कम कपड़े पहनता है, तो वह महान हो जाता है।

Show More
[sf id=2 layout=8]

Related Articles

Back to top button