अक्टूबर माह से बैंक के नियमों में बदलाव, आपकी आय को कर सकता है प्रभावित जानिए पूरी खबर
बैंक उपभोक्ता के लिए बड़ी समस्या भरी खबर सुनने में आ रही हैं ,बैंक नियमों के बदलाव के कारण आपकी तनख्वाह पर भी असर पड़ेगा । सितंबर महीने को पूरा होने में सिर्फ 10 दिन बाकी है और उसके बाद अक्टूबर की शुरुआत हो जाएगी. अक्टूबर की शुरुआत होने के साथ ही आपके बैंक और सैलरी से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने वाला है.इन नियमों के लागू होने के बाद आपकी सैलरी पर असर पड़ेगा और बैंक में आने वाली तनख्वाह कम हो सकती है. इसके अलावा बैंक में पड़े पैसों को लेकर भी बदलाव होने वाले हैं, जिसका आपको ध्यान रखना आवश्यक है.
ऐसे में जानते हैं कि बैंक से जुड़े किन नियमों में बदलाव होने वाला है और यह किस तरह से आपकी आमदनी पर असर डाल सकता है. ऐसे में आप भी ये नियम जान लें ताकि आपको कोई परेशानी ना हो
Wages 2019 एक्ट के अधीन आने वाले कंपेसेशन रूल्स अक्टूबर में हर जगह लागू हो सकते हैं, वैसे अधिकतर प्राइवेट कंपनियों ने इसे लागू कर दिया है. इन नियमों के हिसाब से आपकी सैलरी में आने वाला एलाउंस का हिस्सा अब 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है. सीधे शब्दों में इसका मतलब ये है कि अब आपकी सैलरी में बेसिक सैलरी का पार्ट 50 प्रतिशत होना आवश्यक है, जो कई कंपनियां काफी कम रखती हैं. आपको बता दें कि आपकी सैलरी कई हिस्सों में बंटी रहती है, जिसमें एक एलाउंस का पार्ट भी होता है. इससे आपके अकाउंट में आने वाली सैलरी कम हो सकती है, इसके उलट आपके पीएफ में ज्यादा पैसे जमा होने लगेंगे.
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने पहले ट्रेडिग अकाउंट के इनवेस्टर्स के लिए केवाईसी अनिवार्य कर दिया था. पहले केवाईसी अपडेट की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी, जिसे बाद में 30 सितंबर कर दिया गया. अब निवेशकों को केवाईसी करवाना आवश्यक है. केवाईसी डिटेल में एड्रेस, नाम, पैन, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, इनकम रेंज आदि अपडेट करवाना आवश्यक है.
आरबीआई की नई गाइडलाइंस के अनुसार, ग्राहकों को अपने ऑटोमैटिक ट्रांजेक्शन के लिए पहले स्वीकृति देनी होगी. जैसे अगर आपके खाते से कोई ईएमआई, मोबाइल बिल पेमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल, एसआईपी पेमेंट या ओटीटी पेमेंट जाता है तो पहले आपको उन पेमेंट को अप्रूव करना होगा. इसके बाद ही ट्रांजेक्शन अपडेट हो पाएगा, इसके लिए आपको हर जगह अपना मोबाइल नंबर भी अपडेट करना होगा.
बता दें कि यह प्रोसेस ओटीपी के माध्यम से पूरा किया जाएगा. आरबीआई के नियमों के अनुसार, बैंकों को कोई भी ऑटो पेमेंट से पहले ग्राहकों को एक नोटिफिकेशन देना होगा और जब ग्राहकों उसे अप्रूव कर देंगे तो उसके बाद ही बैंक अकाउंट से पैसे काट पाएगा.