ताइवान के प्रति आक्रामक है चीन अमेरिका को दूर रहने की चेतावनी |
ताइवान को ले कर जिस तरह चीन और अमेरिका में ठनी है वो चिंता जनक है व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को कहा था कि राष्ट्रपति बाइडेन अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के तरीकों पर राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ चर्चा करेंगे. बता दें चीन बीते कुछ समय ताइवान के प्रति अधिक आक्रामक बना हुआ है वो यहां आए दिन घुसपैठ करने के लिए रिकॉर्ड संख्या में अपने लड़ाकू विमान भेज रहा है. ताइवान का आरोप है कि चीन उसके खिलाफ ग्रे जोन रणनीति अपना रहा है. वो ताइवान के सैनिकों का मनोबल गिराने और आम जनता की सोच बदलने की कोशिशें कर रहा है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष जो बाइडेन के बीच अगले सप्ताह डिजिटल तरीके से होने वाली शिखर बैठक से पहले, चीन ने शनिवार को वाशिंगटन से ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ के लिए समर्थन बंद करने के लिए कहा है (Xi-Biden Meet). चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि जिनपिंग मंगलवार की सुबह बाइडेन के साथ डिजिटल तरीके से बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रपति चीन-अमेरिका संबंधों और साझा चिंता के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
जिनपिंग और बाइडेन के बीच इस साल अब तक फोन पर दो लंबी बातचीत हुई है. जिनपिंग और बाइडेन की बैठक से पहले, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि चीन और अमेरिका को अपने दोनों नेताओं के बीच एक सफल डिजिटल शिखर सम्मेलन सुनिश्चित करने और द्विपक्षीय संबंधों को सही रास्ते पर लाने के वास्ते प्रयास करने चाहिए सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार, वांग ने शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ फोन पर बातचीत में यह टिप्पणी की.
ताइवान पर वांग ने कहा कि इतिहास और वास्तविकता ने साबित कर दिया है कि ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ के लिए कोई भी समर्थन क्षेत्रीय शांति को नुकसान पहुंचाएगा और अंततः खुद को नुकसान पहुंचाएगा उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया कि वह ‘ताइवान स्वतंत्रता’ के लिए अपना विरोध स्पष्ट रूप से बताए. सरकारी मीडिया ने यहां ब्लिंकन के हवाले से कहा कि दोनों पक्ष शिखर बैठक के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और इस पर दुनियाभर की नजर रहेंगी.