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देवरिया: डेंगू के खिलाफ जंग जारी, लार्वा नष्ट कर रही टीम -आठ स्थानों पर मिला डेंगू का लार्वा, दिया नोटिस
देवरिया। जिले में छह सितंबर से डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों के सर्वे के लिए शहरी क्षेत्र में गठित टीम द्वारा डेंगू का लार्वा नष्ट किया । जिला मलेरिया अधिकारी राधेश्याम यादव के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय टीम ने शहर के पुरवा चौक, अद्योगिक क्षेत्र, स्टेशन रोड, कसया रोड, भुजौली कालोनी में 108 स्थानों पर बुधवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आठ जगहों पर टीम को डेंगू का लार्वा मिला। लार्वा को नष्ट करने के साथ ही संबंधित लोगों को नोटिस दिया गया है। एंटी लार्वा का छिड़काव कर लोगों को जागरूक भी किया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी राधेश्याम यादव ने बताया शहरी क्षेत्र में ब्रीडिंग चेकर्स दस्ते को और ग्रामीण इलाको में आशा कार्यकर्ताओं को अभियान में लगाया गया है। उन्होंने बताया कि दस्ते का पहला उद्देश्य है सोर्स रिडक्शन अर्थात डेंगू के मच्छर का प्रजनन रोकना ताकि रोग का फैलाव रोका जा सके। उन्होंने बताया कि टीम के सदस्य वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अनिल कुमार पांडेय, मलेरिया निरीक्षक स्मिता और पुष्प यादव, फील्ड वर्कर भारत ने शहर के पुरवा चौक, अद्योगिक क्षेत्र, स्टेशन रोड, कसया रोड, भुजौली कालोनी के सभी घरों में दस्तक दी और घर का हर वह कोना खंगाला जहाँ भी डेंगू के लार्वा होने की संभावना होती है। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि ब्रीडिंग चेकर्स घर-घर जाकर साफ पानी की टंकियां,छतों में पड़े खाली मटके और बर्नियां, टायर, बोतलें , बाल्टियां कूलर आदि में जमा पानी की जांच करते हैं। जमा हुए पानी में लार्वा की मौजदूगी की जांच की जाती है। फिर उस पानी में टेमीफास दवा मिला दी जाती है ताकि लार्वा नष्ट हो जाए। साथ ही घर में चारों तरफ मच्छर नाशक दवा का छिड़काव किया जाता है।
खाली पड़े मकान हैं डेंगू मच्छर का ठिकाना
डेंगू रोग प्रभारी व सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि बताते हैं वर्षों से बंद पड़े सूने मकान इस अभियान में बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। इन बंद घरों में अंधेरे, कोनों, झाड़ियों पानी की टंकियों में डेंगू के मच्छर के पनपने लिए अनुकूल वातावरण होता है। इसलिए उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि अगर किसी का मकान वर्षों से खाली हैं तो घर की साफ सफाई करा लें। इन मकानों में अनिवार्य रूप से नल कनेक्शन कटवा लें ताकि पानी जमा न हो सके।
बारिश के बाद रखें सावधानी
बारिश के बाद अक्सर पुराने मटकों टायरों, आसपास के गड्ढों,कंस्ट्रक्शन साइट्स में पानी जमा हो जाता है । लार्वा को पनपने से रोकने के लिए जला हुआ तेल या टेमीफास दवाई डालें। बारिश से दवा बह जाती है, इसलिए बारिश के बाद फिर से मेलाथियान और टेमीफास का छिड़काव जरूरी है।