सरकार द्वारा LPG सिलेंडर पर दोबारा सब्सिडी देने की मंशा पर पुनः विचार
नई दिल्ली. एलपीजी सब्सिडी को लेकर जिस तरह से जनता त्रस्त दिखाई दे रही है महंगाई की मार झेल रही जनता पर जहां एलपीजी सब्सिडी खत्म करके केंद्र सरकार ने ताबूत मे आखिरी कील का काम किया था लेकिन अब फिर अहम खबर आ रही है. खबर है कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय उस सीमा का मूल्यांकन कर रहा है जिस पर तरलीकृत पेट्रोलियम गैस रसोई गैस पर सब्सिडी बहाल की जाएगी.
मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से इसके लिए एक सर्वे किया जा रहा है. मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, इस समय एक सर्वे किया जा रहा है कि किस कीमत पर ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ता घरेलू सिलेंडर खरीदेंगे. अधिकारी के मुताबिक इसके लिए कई तरह के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इनमें से एक विकल्प यह है, किसी भी सब्सिडी वितरण को केवल प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) लाभार्थियों तक ही सीमित रखा जाए.
साल 2020 में जब कोरोनोवायरस महामारी के चलते दुनियाभर में लाॅकडाउन लगाया गया था उस समय कच्चे तेल की कीमतें गिर गईं. इससे भारत सरकार को एलपीजी सब्सिडी (LPG Subsidy) के मोर्चे पर मदद मिली क्योंकि कीमतें कम थीं और सब्सिडी को लेकर बदलाव की आवश्यकता नहीं थी. सरकार ने मई 2020 में LPG पर सब्सिडी निल कर दी थी. उस समय दिल्ली में 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर की कीमत 581.50 रुपये थी. वर्तमान में इसकी कीमत 884.50 रुपये पहुंच गई है.बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घरेलू सिलेंडर पर सब्सिडी शून्य है, लेकिन केंद्र अब भी कुछ राज्यों में फ्रेट कॉस्ट्स के रूप में सब्सिडी दे रहा है. प्रत्येक मामले में सब्सिडी की सही मात्रा अलग-अलग होती है, लेकिन यह मोटे तौर पर 30 रुपये से भी कम है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार सब्सिडी को लेकर सर्वे कर रही है, इससे यह पता लगाने को कोशिश हो रही है कि किस रेट पर कंज्यूमर्स एलपीजी सिलेंडर खरीद सकते हैं. सरकार इसकी कीमतों को काबू में रखना चाहती है.
चूंकि पीएमयूवाई लाभार्थियों को वित्तीय रूप से सबसे कमजोर माना जाता है, इसलिए एक विकल्प पर विचार किया जा रहा है कि केवल उन्हें ही कोई नया सब्सिडी आवंटन दिया जाए. दी जाने वाली सब्सिडी की मात्रा और सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की प्रभावी कीमत के बारे में सर्वेक्षण के नतीजे आने के बाद फैसला किया जाएगा।माना जा रहा है कि मार्च 2022 तक देश में एलपीजी उपभोक्ताओं (LPG consumers) की संख्या 30 करोड़ से अधिक होगी. इनमें से करीब 20.7 करोड़ उपभोक्ता रेग्युलर कंज्यूमर हैं, यानी ये PMUY में शामिल नहीं हैं. अभी सभी उपभोक्ताओं को सिलेंडर भराने के लिए कोई सब्सिडी नहीं मिल रही है.