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एकेटीयू के 23वें दीक्षांत समारोह में मेधावियों के गले सजा पदक

कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की समारोह की अध्यक्षता, बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय मंत्री प्राविधिक शिक्षा विभाग आशीष पटेल रहे मौजूद

अर्ली न्यूज़ नेटवर्क।

लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय का 23वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को आयोजित किया गया। समारोह में मेधावियों पर स्वर्ण, रजत और कान्स्य पदकों की बारिश हुई। मेहनत का फल मिलने पर गदगद छात्रों के चेहरे की चमक स्वर्ण आभा जैसी थी। आगे भविष्य को गढ़ने की जिम्मेदारी का एहसास भी साफ दिखाई दे रहा था। इस मौके पर सबसे पहले विश्वविद्यालय में सर्वोच्च स्थान पाने वाली सम्बद्ध संस्थान प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी  कानपुर की बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीरियनिंग की छात्रा नैंसी को माननीय कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया। साथ ही बैंक ऑफ़ बड़ोदा की ओर से 31 हजार रूपये का चेक भी प्रदान किया गया। जबकि कमल रानी वरूण स्मृति स्वर्ण पदक बीटेक के सभी ब्रांच में अनुसूचित जाति की सभी उत्तीर्ण छात्राओं में सर्वोच्च स्थान पाने वाली आरडी इंजीरियरिंग कॉलेज, गाजियाबाद की छात्रा उन्नति गौर को मिला।

समारोह में कुल 88 पदक दिये गये।   जिसमें 37 स्वर्ण पदक, 26 रजत एवं 25 कान्स्य पदक हैं। इसके अलावा 53943 छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में डिग्री प्रदान की गयी। सभी डिग्रियां  ब्लॉकचेन तकनीकी के माध्यम से डिजिलॉकर पर माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने  ऑनलाइन माध्यम से अपलोड किया। जबकि 86 छात्रों को पीएचडी अवार्ड हुई। समारोह में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को डॉक्टर  ऑफ़ साइंस की मानद की उपाधि प्रदान की गयी।

माननीय राज्यपाल सहकुलाधिपति महोदय का उद्बोधन
इस दौरान बोलते हुए माननीय राज्यपाल सहकुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि यह दीक्षांत किसी भी छात्र-छात्रा के जीवन में विशिष्ट अवसर है, और अपनी उपलब्धियों को मूल्यांकित करने का दिन भी होता है। इस उपाधि के साथ छात्र मानव संसाधन के रूप में राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान करे यह भी विश्वविद्यालय की अपेक्षा रहती है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र की युवा शक्ति पर बहुत भरोसा करते हैं। यही कारण है कि विकसित भारत 2047 के लिए युवाओं से उनके विकसित भारत की संकल्पना को जानने के लिए सुझाव आंमत्रित किए हैं। विश्वविद्यालय शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। एक तरफ जहां इनोवेशन और इंक्यूबेशन के माध्यम से स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इंडिया, स्टैडअप इंडिया, अटल इनोवेशन मिशन, मेक इन इंडिया आदि तमाम प्रमुख योजनाओं को मूर्तरूप मिला है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी स्टार्टअप के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं।
कहा कि आज डिग्री ले रहे युवाओं को यह संकल्प लेना होगा कि उन्हें देश के प्रगति में अपना योगदान देना है। क्योंकि होनहार देश को छोड़कर चले जाते हैं। इस बार के बजट में कौशल विकास को बढ़ाने के लिए प्रावधान किया गया है। प्रदेश के 20 लाख छात्रों को कौशलपूर्ण बनाया जाएगा। कहा कि आज यहां डिग्री लेकर निकलने वाले युवाओं की जिम्मेदारी है कि वे गांवों में विकास के लिए अपना योगदान दें। कहा कि आपकी सफलता के पीछे सबसे बड़ी मेहनत आपके मां की है। इसलिए घर जाकर अपना मेडल मां को समर्पित करिये।

मुख्य अतिथि का उद्बोधन
दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने मेधावियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि यह समारोह आपकी यात्रा का लांचपैड है। आगे आपको अपना और देश का भविष्य बनाना है। बनाने में विश्वास करिये और कुछ नया प्रभावी निर्मित करिये। जिससे कि देश के विकास को पंख लग सके। आज डिग्री लेने के बाद आप पर किसी पाठ्यक्रम को तैयार करने का दबाव नहीं रहेगा। कोई प्रोफेसर आपसे कुछ नहीं पूछेगा। कोई टाइब टेबल का ध्यान नहीं रखना होगा। यानि अब आप जीवन में स्वतंत्र हैं। स्वतंत्रता रोमांचकारी है। लेकिन यह जिम्मेदारी भी लेकर आती है। आपका जीवन तभी सार्थक है जबकि आपकी डिग्री, शिक्षा और काबिलियत दूसरे लोगों के जीवन स्तर को उंचा उठाने में मदद कर सके।
अंतरिक्ष की यात्रा के अनुभव को किया साझा
भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बनने का गौरव पाने वाले शुभांशु शुक्ला ने अपने यात्रा के अनुभव को साझा किया। कहा कि पृथ्वी से दूर अंतरिक्ष में 20 दिनों तक ऑर्बिट में रहा। इस दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से सबकुछ बदल गया। कई बार मैं हतोत्साहित हुआ। कई बार लगा कि सब खत्म हो जाएगा। मोहभंग भी हुआ। डर भी लगा। लेकिन एक चीज जिसने मुझे आगे बढ़ाया वह था मेरा मुझपर विश्वास। उन्होंने बच्चों से खुद पर विश्वास रखने की सलाह दी। अपने मिशन के लांच में हो रही देरी का भी जिक्र किया। कहा कि मिशन लांच के टलने पर कई बार मन में निराशा भी आयी। लेकिन इंतजार का अर्थ समय का नुकसान नहीं बल्कि और बेहतर तैयारी का समय होता है। इस इंतजार ने हमें तैयार किया। कहा कि यात्रा के दौरान मुझे दुनिया के कुछ बेहतरीन एवं काबिल लोगों के साथ काम करने का अनुभव मिला। अंतरिक्ष में कई शोध किये। जो आने वाले मिशन में काफी काम आयेगा। का कि अंतरिक्ष की यात्रा हो या जीवन की हमें उसका आनंद लेना चाहिए।
छात्रों को दिये सफलता के मंत्र
अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को छह मंत्र भी दिये। कहा जब भी जीवन आपके अनुसार न हो तो धैर्य रखिये। शोर में अपने लक्ष्य को ध्यान में रखिये। जब भी आपकी योजना कार्य न कर रही हो तो दूसरी चीजों को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमेशा सहयोग से कार्य करिये। हमेशा साहस रखिये। अपनी यात्रा का मजा लीजिए।
अंत में कहा कि 41 साल पहले देश के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने भारत को अंतरिक्ष से देखकर कहा था सारे जहां से अच्छा। जब मैंने देश को देखा तो मुझ कुछ और भी दिखा। यह डर से रहित, महत्वाकांक्षी, आगे बढ़ने वाला और बड़े सपने वाला देश दिखा।

विशिष्ट अतिथि का उद्बोधन
विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए माननीय प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने दीक्षांत समारोह में पदक पाने वाले छात्रों को बधाई दी। कहा कि इस सफलता के जरिये देश के विकास में योगदान देना लक्ष्य होना चाहिए। आप ही देश की तकदीर हैं। देश की तरक्की का जिम्मा युवाओं पर ही है। ऐसे में हमेशा खुद को तैयार रखिये। कहा कि माननीय राज्यपाल जी के मार्गदर्शन में प्रदेश के उच्च शिक्षा की स्थिति काफी बेहतर हुई है। जिसका परिणाम विश्वविद्यालयों के नैक ग्रेडिंग से मिल रहा है।

इस दौरान माननीय कुलपति प्रो0 जेपी पांडेय ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। इसके पहले शैक्षणिक शोभायात्रा निकाली गयी। धन्यवाद कार्यवाहक कुलसचिव केशव सिंह ने दिया। इस मौके पर प्रतिकुलपति प्रो0 राजीव कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो0 दीपक नगरिया सहित डीन्स, डायरेक्टर और शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र मौजूद रहे।

गांवों के बच्चों की प्रतिभा का हुआ सम्मान
विश्वविद्यालय की ओर से माननीय राज्यपाल के निर्देश पर विश्वविद्यालय के गोद लिये अलग-अलग विकासखंडों के गांवों के स्कूलों में चित्रकला, कहानी कथन एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान पाने वाले बच्चों को मंच से माननीय कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने पुरस्कृत किया। साथ ही बच्चों की बनाई पेंटिंग समारोह के दौरान प्रदर्शित की गयी। बच्चों की हैंडराइटिंग में लिखी गयी भाषण और कहानी कथन को की बनायी गयी किताब भेंट की गयी।

तीन शिक्षकों को मिला सम्मान
समारोह में विश्वविद्यालय तीन शिक्षकों को एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड भी माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति के हाथों मिला। इसमें इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लखनऊ के प्रो0 अरूण तिवारी, सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के डॉ0 अनुज कुमार शर्मा एवं राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सोनभद्र के डॉ0 हरीश चंद्र उपाध्याय को मंच से अवार्ड मिला। इसके अलावा दो शिक्षकों की किताबों का भी विमोचन किया गया।

स्टूडेंट्स को मिला बेस्ट स्टार्टअप अवार्ड
प्रदेश में उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए दीक्षांत समारोह के दौरान इस बार छह श्रेणियों में स्टूडेंट स्टार्टअप अवार्ड दिया गया। एक्सिसबिलिटी अवार्ड इंपाशेक सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के सार्थक सिसोदिया को दिया गया। एग्रीकल्चर स्टार्टअप अवार्ड अर्ब हाइड्रो किसान प्रा0 लि0 शुभांकर चैहान एवं अतुल मिश्रा को मिला। हेल्थ इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड जेजेपीके इनोवेशन प्रा0 लि0 जयंती तिवारी मिला। इसी तरह सोशल इम्पैक्ट अवार्ड सोवक्यू प्रा0 लि0 तेजस कुमार गर्ग को दिया गया। सेस्टेनिबिलिटी चैंपियन अवार्ड पल्स वेव इनोवेशंस प्रा0 लि0 के मोहित को मिला। वूमेन लेड स्टार्टअप अवार्ड एनलूम्ड इंडिया प्रा0 लि0 रोजी मेंडोलिया को दिया गया। टेक इनोवेशन स्टार्टअप अवार्ड इनोवा कोर टेक्नोलॉजीस एंड सोल्यूशंस के दीक्षांत कुमार को मिला।
स्मार्ट क्लास का किया उद्घाटन
माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने समारोह के दौरान पहाड़पुर गांव के प्राथमिक विद्यालय स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया। यह स्मार्ट क्लास विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किया गया है।
समारोह में आईईटी में छात्रों के चलाये जा रहे परमार्थ संस्था के बच्चे ने पर्यावरण पर भाषण प्रस्तुत किया। साथ ही प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने नृत्य एवं गीत भी प्रस्तुत किया। इस दौरान माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति जी ने सीतापुर के पांच आंगनबाड़ी केंद्रों को किट एवं हेल्थ किट दिया। साथ ही राजभवन की ओर से लायी गयी पुस्तकों को विद्यालयों को दिया गया।

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