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एक देश एक चुनाव हुआ कैबिनेट में मंजूर, लोकसभा-राज्यसभा के नंबर गेम ने बढ़ाई बीजेपी सरकार की टेंशन

अर्ली न्यूज़ नेटवर्क।

नई दिल्ली। एक देश, एक चुनाव की दिशा में केंद्र सरकार ने अपने प्रमुख मुद्दे को लागू करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की व्यवस्था को लेकर संवैधानिक संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी.

पूर्व राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने 14 मार्च 2024 को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसे कैबिनेट ने सितंबर 2024 में स्वीकार कर लिया था. अब करीब तीन महीने बाद विधेयक के मसौदे को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है तो संसद के इसी सत्र में इसे पेश भी किया जाएगा. एक देश एक चुनाव बीजेपी का पुराना मुद्दा रहा है.

मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में इसे कानून के रूप में बनाने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. अगर यह कानून बन जाता है तो यह साल 2029 या 2034 से सक्रिय होगा. हालांकि सरकार ने इसे लेकर कुछ नहीं कहा है. सरकार समिति के माध्यम से विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी परामर्श करने की इच्छुक है.

देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए इससे जुड़े विधेयक पर कम से कम आधे राज्‍यों की मंजूरी लेनी होगी, जो कि आसान नहीं होने वाला है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने जिन पार्टियों ने एक साथ चनाव कराए जाने की राय रखी थी, अब लोकसभा में उनके 270 सांसद हैं. जिन्‍होंने न समर्थन किया है और न विरोध, उनके सांसदों की संख्‍या जोड़ दें तो यह आंकड़ा 293 पर पहुंचता है, जिसमें टीडीपी भी शामिल है.

अगर ये सभी सदन में केंद्र सरकार का समर्थन कर भी दें तब भी यह विधेयक तभी पारित होगा, जब वोटिंग लिए कुल 439 सदस्‍य ही मौजूद हों. अगर विधेयक की वोटिंग के लिए सभी सांसद पहुंचे गए तो फिर लोकसभा से इसे पारित कराने के लिए दो तिहाई यानी कि 362 सांसदों की जरूरत होगी. ऐसे में यह भी संभव है कि लोकसभा में यह विधेयक पारित ही न हो.

राज्यसभा का नंबर गेम भी केंद्र सरकार के लिए परेशानी खड़े कर सकता है. राज्यसभा में अभी 231 सांसद हैं. एनडीए के 113, छह मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों को मिला कर केंद्र सरकार के पास 121 सदस्य हैं. जबकि दो-तिहाई समर्थन के लिए 154 सदस्य साथ होने चाहिए. केंद्र सरकार के पास 33 वोट कम पड़ रहे हैं.

वाईएसआर कांग्रेस, भारत राष्‍ट्र समिति (बीआरएस) और बीजेपी मिलाकर 19 सांसद हैं. ये सभी वैसी पार्टिया हैं, जो न तो केंद्र के साथ हैं और न ही इंडिया गठबंधन के साथ हैं. इंडिया गठबंधन के पास 85 सांसद हैं. निर्दलीय कपिल सिब्‍बल भी उन्हीं के पक्ष में वोट कर सकते हैं. एआईएडीएमके के 4 और बसपा का एक सांसद राज्यसभा में हैं, जिनका झुकाव फिलहाल किसी पार्टी की ओर तो नहीं दिखाई दे रहा है.

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