प्रयागराज महाकुम्भ 2025: ”सेना के हवाले हो महाकुंभ’, भगदड़ की घटना पर रो पड़े महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी, की ये मांग
महामण्डलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने कुम्भ प्रशासन को घटिया प्रशासन बताया,उन्होंने कहा कि प्रशासन सिर्फ़ वीआइपी की सेवा में लगा रहा।
अर्ली न्यूज़ नेटवर्क।
प्रयागराज महाकुम्भ 2025/प्रयागराज।महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले मची भगदड़ की घटना से साधु संत बेहद निराश है. निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी ने इस घटना से बेहद भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि वो बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा कि कुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिये था. अगर यहां सेना होती तो आज ये नहीं होता. कुंभ में प्रशासानिक व्यवस्था के कारण ये हुआ. बहुत दुख की बात है.
महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी जी महाराज ने कहा कि “हमारे देश में सेवाभावी लोगों की कमी नहीं है. अगर ये कुंभ सेना के हवाले हो जाता तो मुझे नहीं लगता है कि इतना बड़ा हादसा होता. हमें इस घटना का बहुत दुख है.. देखिए अखाड़े तो जो प्रशासन व्यवस्था कहती है उसी के अनुसार चलते हैं. हम लोग संवैधानिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं और जो संवैधानिक के तहत इस मेले की जवाबदारी प्रशासन की है जो भली भांति इसे संपन्न कराये.”
सेना के हवाले की जाए महाकुंभ की व्यवस्था
स्वामी प्रेमानंद पुरी ने इस दौरान पूरे देशवासियों को आगे ठीक से स्नान होने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि “मैं पूरे देशवासियों को ये कहना चाहता हूं कि आप ये मत समझिए कि आगे जो स्नान हैं वो ठीक से नहीं होंगे. स्नान सब ठीक से होंगे. माननीय प्रधानमंत्री का संदेश आ गया है कि सेना के हवाले कुंभ को किया जा रहा है.
साध्वी निरंजन ज्योति ने जताया दुख-
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी निरंजन ज्योति ने भी महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर शोक जताया और सरकार से मांग की है कि पूरे घटना की जांच हो. उन्होंने इस मामले पर विपक्ष को नसीहत देते हुए राजनीति नहीं करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि ये दुखद घटना है. इस पर कतई राजनीति नहीं होनी चाहिए. कल पांच करोड़ लोगों ने सुरक्षित स्नान किया था.
महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान रद्द कर दिया है. आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि अखाड़ों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए अमृत स्नान नहीं करने का फैसला लिया है. हालांकि प्रशासन के साथ अखाड़ों की बैठक जारी है. पीएम मोदी ने भी सीएम योगी से पूरी घटना में जानकारी ली और जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं.