Breaking
Axiom 4 Space Mission: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवानाकहीं ये वर्ल्ड वॉर की दस्तक तो नहीं? ईरान ने किया अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला११वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का एस.एम.एस में आयोजनअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एकेटीयू ने सूर्य नमस्कार का बनाया रिकॉर्डएसआरएमयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजनअहमदाबाद प्लेन क्रैश: लंदन जाता प्लेन उड़ते ही हॉस्टल पर जा गिरा, 242 की मौतफिर से टल गया लखनऊ के शुभांशु शुक्‍ला का स्पेस मिशन मिशन, Axiom-4 में आई तकनीकी खराबीजीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़, 11 की मौत18 साल के इंतजार के बाद आरसीबी ने थामी ट्रॉफी, पहली बार जीता आईपीएल का खिताबSMS में मंथन ”कार्यक्रम के अन्तर्गत अनलीश योर बेस्ट सेल्फ शीर्षक पर व्याख्यान आयोजित
Breaking Newsराजनीतिराष्ट्रीय

स्मृति ईरानी ने कहा अधिकारों और जिम्मेदारियों के बीच बनाएंगे संतुलन |

नई दिल्ली : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने देश के नागरिकों के अधिकार और जिम्मेदारी पर बात करते हुए कहा है कि स्वतंत्र भारत के अगले 75 वर्ष , अधिकारों के बारे में नहीं, बल्कि नागरिकों के अधिकारों और राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारी के बारे में समान रूप से होने चाहिए.स्मृति ईरानी राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के छह सप्ताह तक चलने वाले ‘पैन इंडिया लीगल अवेयरनेस एंड आउटरीच कैंपेन’ के समापन समारोह में मुख्य अतिथि थीं, जहां उन्होंने ये बात कही.
, स्मृति ईरानी ने कहा कि आजादी के बाद से ही सभी का ध्यान अधिकारों पर ही केंद्रित था. उन्हें उम्मीद है कि आने वाले सालों में अधिकारों और जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाया जा सकेगा.
इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एएम खानविलकर के साथ, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी उपस्थित थे.

स्मृति ईरानी ने इस अभियान के लिए NALSA की सराहना की, जो 2 अक्टूबर को भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ समारोह के मौके पर शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि यह अभियान हमारे देश को एक संदेश देता है कि मुफ्त कानूनी सहायता ‘एहसान नहीं अधिकार है’. इसके लिए उन्होंने NALSA और माननीय मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के प्रति आभार व्यक्ति किया.

स्मृति ईरानी ने इस बात पर जोर दिया कि देश में मुफ्त कानूनी सहायता दान नहीं बल्कि एक अधिकार है. महिलाओं और बच्चों के लिए न्यायोचित भविष्य की इच्छा जताते हुए उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र की असली परीक्षा यह सुनिश्चित करना है कि न्याय उसके सभी बच्चों तक पहुंचे.

स्मृति ईरानी ने कहा कि देश 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाएगा. उन्होंने यह भी कहा- “हमें विचार करना चाहिए और यह स्वीकारना चाहिए कि ये 75 वर्ष हमारे अधिकारों के बारे में रहे हैं. अगले 75 वर्ष हमारे नागरिकों के प्रति, स्वयं के प्रति और हमारे राष्ट्र के प्रति समान रूप से जिम्मेदारी के बारे में होने चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि आने वाले 75 सालों में अधिकारों और जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाया जाएगा.”

Related Articles

Back to top button