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अब गायों को हर दिन सुनाया जायगा भजन कीर्तन , होगी सुख-समृद्धि |

हमीरपुर (यूपी)। भारत की कल्पना कृषि के बिना नहीं की जा सकती और कृषि बिना पशुपालन के संभव नहीं है. पहले किसान गाय के साथ-साथ बैल को भी सहेज कर रखते थे परन्तु अब केवल गाये का अधिक महत्त्व रह गया है ,इसके कई कारण है ,जो मज़े की बात है वो.उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से आ रही है ,हमीर पुर के कान्हा गौआश्रय स्थल पर गायों को अब हर दिन कम आवाज में लाउडस्पीकरपर भजन सुनने को मिलेंगे।

देशी नस्ल की गाय का दूध (Cow Milk) स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक है, पर इन गायों में दूध का उत्पादन कम होने के कारण किसानों के लिए देशी गाय पालना कठिन होता है. इसलिए छोटे पशुपालकों के लिए देशी गाय पालना और इससे दुग्ध उत्पादन लाभ का व्यवसाय बने, इसके लिए शोध और अनुसंधान आवश्यक है.

जिलाधिकारी चंद्र भूषण त्रिपाठी ने नगर पंचायत के अधिकारियों से कहा है कि सुबह-शाम कम मात्रा में गायों के लिए भगवान कृष्ण के मधुर भजन बजाएं, ताकि वे सुख-समृद्धि की भावना का अनुभव कर सकें।

ऐसा माना जाता है कि यदि गौशालाओं में संगीत बजाया जाता है, तो गायें संगीत के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया देती हैं।

पिछले सप्ताह कान्हा गौशाला पहुंचे जिलाधिकारी व एसपी कमलेश दीक्षित ने गाय की पूजा कर गायों को सर्दी से बचने के लिए भगवा रंग की शॉल भेंट की। दोनों अधिकारियों ने गायों को गुड़ का भोग लगाया

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