लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राजस्थान से आए बेरोजगार युवा पांच दिन से कांग्रेस मुख्यालय के बाहर अनशन पर डटे हैं। अब तो उनकी तबीयत भी बिगड़ने लगी है। कांग्रेस के पदाधिकारी और खुद प्रियंका भले ही इससे बेफिक्र हों, लेकिन अब पार्टी के अंदर से ही आवाज उठने लगी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णम तो स्पष्ट तौर पर मान रहे हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के गले में अपनी मुसीबत डाल दी है। उन्होंने ट्वीट कर गहलोत का प्रदर्शनकारियों से वार्ता और समस्या के समाधान की सलाह भी दी है।
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले वही बेरोजगार युवा लखनऊ में पार्टी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया था। उनकी 21 सूत्रीय मांगें हैं। आरोप है कि राजस्थान सरकार अपने वादे से मुकर रही है, इसलिए वह प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलकर न्याय चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों में महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव सहित कुछ युवा अनशन पर भी हैं। इनमें से सुमन की तबीयत मंगलवार को खराब हुई, जबकि बुधवार को पंकज कुमारी भी बीमार हो गईं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लखनऊ में बुधवार को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय के बाहर राजस्थान से आए युवा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा के समक्ष दंडवत प्रणाम कर प्रदर्शन किया। खुले आसमान के नीचे ठंड में रातें गुजार रहे राजस्थान के युवाओं को आस है कि कांग्रेस मुख्यालय के अंदर से कोई नेता आएगा। उनकी बात प्रियंका गांधी वाड्रा या राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कराएगा, ताकि उनकी मांगें मान ली जाएं। मगर, ऐसा नहीं हुआ।
पार्टी पदाधिकारी इन्हें भाजपा का एजेंट बताने पर आमादा हैं, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्णम ने बुधवार सुबह ट्वीट कर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया। उन्होंने लिखा- ‘धरना दे रहे राजस्थान के बेरोजगार प्रदर्शनकारियों से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तत्काल वार्ता कर समस्या का समाधान निकालना चाहिए। अपनी मुसीबत को प्रियंका गांधी के गले में डाल देना कदापि उचित नहीं है।’
इससे साफ है कि कुछ नेता मान रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने का प्रयास कर रहीं प्रियंका के लिए यह प्रदर्शन असहज स्थिति पैदा कर सकता है या यूपी सरकार को उन पर पलटवार का मौका भी दे सकता है। वहीं, महासंघ अध्यक्ष ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को धरने से उठाने के लिए बुधवार को कुछ कांग्रेसी उनके सामने धरना देने बैठ गए। पुलिस पर भी दबाव बनाया कि इन्हें न हटाया तो हम भी धरना देते रहेंगे। हालांकि, देर कुछ बाद लौट गए।