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देश के पहले प्रधानमंत्री का जन्मदिन आज,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि |

Children’s Day 2021: देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन आज मनाया जा रहा है, जिन्हें बच्चे प्यार से चाचा कहते हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को प्रयागराज में हुआ था. चाचा नेहरू को बच्चे से बेहद लगाव था बच्चे भी उन्हें खूब पसंद करते हैं उनका मानना था कि बच्चे के विकास के बिना देश का विकास असंभव है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की 132वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन यानी 14 नवंबर को ‘बाल दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है. 14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जन्में जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से खासा लगाव था और बच्चे उन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहकर पुकारते थे. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली के शांतिवन जाकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी.

देश की स्वतंत्रता के बाद 15 अगस्त 1947 को वे भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे. भारत में 1964 (नेहरू के निधन) से पहले तक बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन उनके निधन के बाद उनके जन्मदिन यानी 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया. कई देशों में एक जून को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है. कुछ देश संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के अनुरूप 20 नवंबर को बाल दिवस मनाते हैं.

नेहरू 15 साल की उम्र में इंग्लैंड चले गए और हैरो में दो साल रहने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया, जहां से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की. 1912 में भारत लौटने के बाद वे सीधे राजनीति से जुड़ गए. 1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बांकीपुर सम्मेलन में हिस्सा लिया और 1919 में इलाहाबाद के होम रूल लीग के सचिव बने. 1916 में वे महात्मा गांधी से पहली बार मिले, जिनसे वे काफी प्रेरित हुए थे.

निधन के वक्त तक रहे देश के प्रधानमंत्री

जवाहरलाल नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने थे. उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ही जर्मनी, रूस, बेल्जियम समेत कई देशों का दौरा किया था. साल 1927 में वे रूस की अक्टूबर समाजवादी क्रांति की 10वीं वर्षगांठ समारोह में हिस्सा लेने मॉस्को भी गए थे. कांग्रेस के कई आंदोलनों के कारण उन्हें अनेकों बार जेल भी जाना पड़ा.

अपने निधन के वक्त तक वे देश के प्रधानमंत्री रहे. प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने 27 मई 1964 को आखिरी सांस ली थी. इसी साल 27 जून को यह फैसला लिया गया था कि दिल्ली में स्थित तीन मूर्ति भवन में जवाहरलाल नेहरू का संग्रहालय बनाया जाएगा. इसी तीन मूर्ति भवन में नेहरू का आधिकारिक आवास था.

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