अर्ली न्यूज़ नेटवर्क के लिए –
कौशाम्बी से पवन जायसवाल की रिपोर्ट-
कौशाम्बी। सनातन धर्मावलम्बियों तथा जनपद के साहित्यकारों ने साहित्य सृजन मंच कौशाम्बी के तत्वाधान में ऑनलाइन भगवान परशुराम जी की जन्म जयन्ती मनाई गई।
संस्थापक एवं साहित्यकार आनन्द नारायण पाठक ने भगवान परशुराम के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विष्णु भगवान के अंशा अवतारी भगवान परशुराम जी का सामाजिक परिवर्तन/सामाजिक सद्भाव /सहिष्णुता /निष्काम कर्म /अन्याय का प्रतिकार करना /सत्य का भान होने पर कारित अपराध बोध का शमन हेतु क्रोध और अर्जित पुण्य का भगवान श्री राम को समर्पण की भावना का संदेश भेजकर मानव के कल्याण हेतु प्रत्येक सनातन धर्मावलंबी बन्धुओ/ बहनों को अपने जीवन में अंगीकार करना चाहिए।
साहित्यकार रघुनाथ द्विवेदी ने कहा कि आज आवश्यकता है कि
सभी सनातन धर्मी बन्धु /बहन अपने घर पर भगवान परशुराम जी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा कर, बच्चों को संस्कारित करें। जन-मानस तक यह संदेश जाए कि धरती का भार हरण करने हेतु भगवान परशुराम जी भी अवतारी पुरुष थे। भगवान परशुराम जी की जयन्ती एक उत्सव के रूप में मनाए।
ऑनलाइन उत्सव में देश भर के साहित्यकार /शिक्षक आनन्द नारायण पाठक,रघुनाथ द्विवेदी,धर्मेश मिश्रा,अजय पांडेय,अशोक द्विवेदी,मीरा भार्गव सुदर्शना कटनी, कविता तिवारी फतेहपुर,अर्चना अभिलाषा कानपुर,प्रो०शरद नारायण खरे,मंडला,राम प्रवेश पाठक अयोध्या, डॉ० त्रिलोकी सिंह,बाबा कल्पनेश, डॉ०भगवान प्रसाद उपाध्याय प्रयागराज,आलोक मिश्र, ‘मुकुन्द’ सुजीत जायसवाल,प्रभात पॉजिटिव सहित सैकड़ों साहित्यकार/शिक्षक/समाज सेवक
अपने-अपने विचारों के साथ प्रतिभाग किया।