Breaking News
लखनऊ के रहमान खेड़ा में फिर दिखा बाघ,वनविभाग की टीम पकड़ने में जुटीबीजेपी समय समय पर लोकतंत्र को कमजोर करती है-अखिलेशरामगोपाल यादव-सब झूठ राहुल गाँधी ने किसी को धक्का नहीं दियादेश की राजनीति में राहुल गाँधी से अराजक और झूठा नेता कोई नहीं-गिरिराज सिंहदिल्ली-संसद धक्का-मुक्की को लेकर बीजेपी का विरोध प्रदर्शनसंसद में धक्का-मुक्की मामला: गुण्डागर्दी नहीं चलेगी-अनुराग ठाकुरलोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगितखरगे-गृह मंत्री ने तथ्यों से अलग बात कीराहुल और खरगे की प्रेस कॉन्फ़्रेंस -अमित शाह बिना तथ्यों के बात कर रहें हैं-खरगेसंसद मार्ग थाने पहुँचे अनुराग ठाकुर और बांसुरी,दर्ज करायेंगे FIR
राष्ट्रीय

अहिल्याबाई होल्कर ने जाति भेद से ऊपर उठकर काम किया: संजय श्रीहर्ष

लखनऊ। सामाजिक असमरसता मंच अवध प्रान्त की ओर से शुक्रवार को विश्व संवाद केन्द्र जियामऊ के अ​धीश सभागार में सामाजिक समरसता के आधार पर अहिल्याबाई होलकर का लोककल्याणकारी शासन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष और मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त पीएन द्विवेदी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केजीएमयू के माईक्रोबायलोजी विभाग की प्रोफेसर डा.शीतल वर्मा ने की। विषय प्रस्तावना सामाजिक समरसता मंच अवध प्रान्त के प्रमुख राजकिशोर ने रखी। कार्यक्रम का संचालन बृजनन्दन राजू ने किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता व इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री संजय श्रीहर्ष ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने जाति भेद से ऊपर उठकर काम किया। उन्होंने तपस्वी का जीवन जिया। सफेद चादर पर आसन लगाकर बैठती थीं। उनके पति,बेटा,सास,ससुर और दामाद समेत परिवार में 18 लोगों की मौत हुई। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अहिल्या बाई होल्कर भगवान् शंकर के प्रतिनिधि के रूप में सामाजिक समरसता के आधार पर  वह अपने शासन का संचालन करती थी। 
उन्होंने देश के 123 बड़े स्थान पर निर्माण कार्य कराए। 

सम्पूर्ण देश के मंदिरों की पूजन-व्यवस्था और उनके आर्थिक प्रबंधन पर भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया। बद्रीनाथ से रामेश्वरम तक और द्वारिका से लेकर पुरी तक आक्रमणकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त मंदिरों का उन्होंने पुनर्निर्माण करवाया। प्राचीन काल से चलती आयी और आक्रमण काल में खंडित हुई तीर्थयात्राओं में उनके कामों से नवीन चेतना आयी। इन बृहद कार्यों के कारण उन्हें ‘पुण्यश्लोक’ की उपाधि मिली। एक सामान्य परिवार की बालिका से लेकर महारानी,महारानी से लोक माता, देवी और पुण्य श्लोक की उपाधि का जीवन प्रेरणा देती है। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त पीएन ​diwedi ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का शासन रामराज्य हुआ महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण था।

राजनीति व धर्म नीति की ऐसी प्रतीक थी कि धर्म के साथ राज्य का संचालन करती थी। देश में ऐसा कोई राजा नहीं मिलेगा जो गलती करने पर अपने बेटे को सजाये मौत दे। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केजीएमयू के माईक्रोबायलोजी विभाग की प्रोफेसर डा.शीतल वर्मा ने कहा कि अहिल्याबाई का जीवन महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने युवाओं से तंबाकू का सेवन नहीं करने की अपील की। 

सामाजिक समरसता के प्रांत संयोजक राजकिशोर ने कहा कि उनका लोक कल्याणकारी शासन भूमिहीन किसानों, भीलों जैसे जनजाति समूहों तथा विधवाओं के हितों की रक्षा करनेवाला एक आदर्श शासन था । समाजसुधार, कृषिसुधार, जल प्रबंधन, पर्यावरण रक्षा, जनकल्याण और शिक्षा के प्रति समर्पित होने के साथ साथ उनका शासन न्यायप्रिय भी था।

इस अवसर पर क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष जी, वरिष्ठ प्रचारक रामजी भाई, राष्ट्र धर्म के निदेशक सर्वेश द्विवेदी, विभाग सेवा प्रमुख सुभाष,  नगर कार्यवाह  शासिकांत, वरिष्ठ पत्रकार भारत सिंह, डॉ सत्येंद्र त्रिपाठी राजीव जी,  प्रदीप एडवोकेट,आशीष एडवोकेट,ज्ञानेन्द्र एडवोकेट, रेणू राय, जय प्रकाश प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। तपस्या वाजपेई ने वंदे मातरम और 
नमिता शुक्ला ने आभार व्यक्त किया। 

Related Articles

Back to top button