बारिश के चलते वनस्पति तेल बिक्री पर असर, परंतु मूल्य जस के तस
प्रयागराज। लगातार हो रही बारिश से कारोबार पर भी इसका असर पड़ा है पिछले दो दिनों से या तो ज्यादा तर बाजार बंद रहें हैं या ग्राहकों की कमी रही जिसका सीधा असर देश के घरेलू कारोबार पर दिखा, थोक और फुटकर सामानों की बिक्री बारिश ने प्रभावित की। आलम यह है कि लगातार हो रही बारिश से सामानों की बिक्री घटकर करीब 10 फीसद तक आ गई है।
सामानों की बिक्री न होने से कारोबारियों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। हालांकि वस्तुओं की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई।
शुक्रवार की दोपहर तक तो बारिश नहीं हुई लेकिन उसके बाद फिर झमाझम बारिश होने लगी। पिछले दो दिनों से रुक-रुककर होती रही बारिश के कारण फुटकर दुकानदारों के साथ ही ग्राहक भी बहुत कम खरीदारी करने निकले, जिससे बिक्री करीब 90 फीसद तक गिर गई। हालांकि रेट स्थिर रहा।
पिछले शनिवार को सरसों के तेल का थोक रेट 50 रुपये 15 किलो का टिन घट गया था। इससे फुटकर रेट में करीब तीन से चार रुपये की कमी हुई। बता दें कि पिछले महीने से सरसों तेल का थोक रेट करीब ढाई सौ रुपये 15 किलो टिन तक बढ़ गया था। वनस्पति घी की कीमत में भी लगभग 100 रुपये 15 किलो टिन की वृद्धि हुई। फुटकर में सरसों के तेल का दाम 180 और वनस्पति घी का मूल्य 145 रुपये किलो हो गया था।
बता दें कि पिछले महीने की शुरुआत में सरसों तेल का थोक रेट लगभग 2600 रुपये 15 किलो टिन था। जो इस महीने बढ़ते हुए 2850 रुपये 15 किलो टिन तक हो गया था। हालांकि, शनिवार को दाम में गिरावट हुई। वनस्पति घी का थोक रेट 1900, रिफाइंड का थोक रेट 2260 और फुटकर दाम 158 रुपये किलो, पामोलिन का थोक दाम 2150 रुपये और फुटकर रेट 130 रुपये लीटर है।
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि दो दिनों में बिक्री घटकर करीब 10 फीसद तक रह गई थी। शुक्रवार को मौसम दोपहर तक तो खुला रहा लेकिन उसके बाद फिर बारिश शुरू हो गई। मौसम खुलने पर ही बिक्री तेज होने की संभावना है।