Latest News
“नौकरी के नाम पर जमीनें लिखवाई गई”, मोदी का लालू पर हमलाक्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्र के नेतृत्व में कांग्रेस छोड़ सैकड़ो नेता भाजपा में शामिलमुख्तार अंसारी का पोस्टमॉर्टम पूरा, बांदा से गाजीपुर ले जाएंगे बॉडीराहुल गाँधी का PM मोदी पर करारा हमला ये कांग्रेस के खिलाफ आपराधिक साजिश है, आज देश में लोकतंत्र नहीं बचा हैSRMU के वार्षिकोत्सव अनुभूति 2024 के अंतिम दिन पवनदीप व अरूणिता के गीतों पर झूम उठे दर्शक सात चरणों में होगा 2024 का लोकसभा चुनाव, 4 जून को सुनाये जाएंगे नतीजेंकेजरीवाल को बड़ी राहत, 15 हजार के बॉन्ड पर मिली जमानत, 1 अप्रैल को अगली सुनवाईPM मोदी के निमंत्रण पर भारत आए भूटान के प्रधानमंत्री, अश्विनी चौबे ने किया स्वागतइलेक्टोरल बांड का आंकड़ा हुआ जारी, जाने किस कंपनी ने दिया कितना चंदानये चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने संभाला कार्यभार
Newsअंतर्राष्ट्रीयराष्ट्रीय

अमेरिका ने भारत वापसी पर प्रधानमंत्री को दिया पौंराणिक एवं प्राचीन कलाकृतियाँ

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना अमेरिकी दौरा संपन्न करके भारत के लिए रवाना हुए अमेरिका ने प्रधानमंत्री को भेंट के रूप में भारत की प्राचीन धरोहर दे कर विदा किया।अमेरिका ने इन कलाकृतियों व वस्तुओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में कहा कि इनमें से अधिकतर कलाकृतियां व वस्तुएं 11वीं से 14वीं शताब्दी के बीच की हैं. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इन कलाकृतियों को लौटाने के लिए अमेरिका का धन्यवाद किया. उसके मुताबिक प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चोरी, अवैध व्यापार और सांस्कृतिक वस्तुओं की तस्करी को रोकने के प्रयासों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई. कलाकृतियों व वस्तुओं में 10वीं शताब्दी की बलुआ पत्थर से तैयार की गई डेढ़ मीटर की नक्काशी से लेकर 12वीं शताब्दी की उत्कृष्ट कांसे की 8.5 सेंटीमीटर ऊंची नटराज की मूर्ति शामिल है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि इनमें से अधिकतर वस्तुएं 11वीं से लेकर 14वीं शताब्दी की हैं और सभी ऐतिहासिक भी हैं. इनमें मानवरूपी तांबे की 2000 ईसा पूर्व वस्तु या दूसरी शताब्दी की टैराकोटा का फूलदान है.

लगभग 71 प्राचीन कलाकृतियां सांस्कृतिक हैं वहीं शेष छोटी मूर्तियां हैं जिनका संबंध हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म से है. यह सभी धातु, पत्थर और टैराकोटा से बनी हैं. कांसे की वस्तुओं में लक्ष्मी नारायण, बुद्ध, विष्णु, शिव-पार्वती और 24 जैन तीर्थंकरों की भंगिमाएं शामिल हैं. कई अन्य कलाकृतियां भी हैं जिनमें कम लोकप्रिय कनकलामूर्ति, ब्राह्मी और नंदीकेसा शामिल है. पीएमओ ने कहा कि यह देश की प्राचीन कलाकृतियों व वस्तुओं को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से स्वदेश वापस लाने का केंद्र सरकार के प्रयासों का हिस्सा है.

Show More
[sf id=2 layout=8]

Related Articles

Back to top button