Breaking
Axiom 4 Space Mission: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवानाकहीं ये वर्ल्ड वॉर की दस्तक तो नहीं? ईरान ने किया अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला११वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का एस.एम.एस में आयोजनअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एकेटीयू ने सूर्य नमस्कार का बनाया रिकॉर्डएसआरएमयू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का हुआ आयोजनअहमदाबाद प्लेन क्रैश: लंदन जाता प्लेन उड़ते ही हॉस्टल पर जा गिरा, 242 की मौतफिर से टल गया लखनऊ के शुभांशु शुक्‍ला का स्पेस मिशन मिशन, Axiom-4 में आई तकनीकी खराबीजीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़, 11 की मौत18 साल के इंतजार के बाद आरसीबी ने थामी ट्रॉफी, पहली बार जीता आईपीएल का खिताबSMS में मंथन ”कार्यक्रम के अन्तर्गत अनलीश योर बेस्ट सेल्फ शीर्षक पर व्याख्यान आयोजित
एजुकेशनराष्ट्रीय

भारत के बराबर नहीं फिलीपीन की MBBS डिग्री, छात्रों को झटका

नई दिल्ली। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने कहा कि फिलीपीन में विज्ञान पाठ्यक्रम में बैचलर डिग्री को भारत में एमबीबीएस (MBBS) पाठ्यक्रम के बराबर नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसमें जीव विज्ञान (Zoology) के विषय शामिल हैं, जो यहां 11वीं और 12वीं कक्षाओं के विषयों के बराबर हैं.

आयोग ने अपने हालिया नोटिस में ये भी कहा है कि नियमों के अनुसार, विदेशी मेडिकल योग्यताएं या पाठ्यक्रम, जो भारत में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के बराबर नहीं हैं, उन्हें देश में चिकित्सा सेवाओं के पंजीकरण के लिए पात्रता के योग्य नहीं माना जा सकता है. भारत में डॉक्‍टर बनने की इच्‍छा रखने वाले युवाओं की राह बेहद मुश्किल है. NEET परीक्षा में कड़ी प्रतिस्‍पर्धा और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की बेहिसाब फीस के चलते छात्र विदेश से MBBS की डिग्री पाना पसंद करते हैं. मगर यहां भी मुश्किल खत्‍म नहीं होती.

विदेशी यूनिवर्सिटी से डिग्री लेकर लौटे छात्रों को भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए FMGE की परीक्षा पास करना अनिवार्य है. यह परीक्षा साल में 2 बार आयोजित की जाती है मगर इसमें सफलता की दर बेहद कम है.

FMG यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट के लिए NBE एक परीक्षा आयोजित करता है. यह एक स्‍क्रीनिंग टेस्‍ट है जिसमें 50 प्रतिशत नंबर लाना जरूरी होता है. अलग-अलग देशों की यूनिवर्सिटी के मेडिकल कोर्सज़ के डिफरेंस के कारण यह परीक्षा आयोजित की जाती है. इसे क्‍वालिफाई करने के बाद ही उम्‍मीदवारों को भारत में प्रैक्टिस की अनुमति मिलती है. आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद बीते वर्षों के एग्‍जाम रिजल्‍ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस एग्‍जाम में छात्रों के पास होने का प्रतिशत बेहद कम है.

Related Articles

Back to top button