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राफेल डील पर हुए खुलासे के बाद संबित पात्रा पर झूठऔर भ्रम फैलाने का लगा आरोप |

नई दिल्ली ; राफेल डील पर हुए नए खुलासे के बाद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा खुद बुरा फँस गए है ,कांग्रेस को इल्ज़ाम देते हुए जिस प्रकार संबित पात्रा ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “सारी सच्चाई सामने आ गई है। जो हुआ था 2007 से 2012 के बीच हुआ था। राहुल गांधी जवाब दें कि राफेल को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश आपने और आपकी पार्टी ने इतने सालों तक क्यों की?” अपने इन आरोपों को लेकर अब खुद संबित पात्रा भी लोगों के निशाने पर आ गए हैं। जहां एक तरफ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने उनपर तंज कसा है तो वहीं पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी भाजपा को आड़े हाथों लिया है।

पत्रकार सुशांत सिन्हा ने संबित पात्रा द्वारा कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों पर तंज कसते हुए कहा, “श्री संबित पात्रा जी को पूर्णत: ज्ञात है कि राफेल में 40 प्रतिशत दलाली सीधा राहुल-सोनिया गांधी को गई तो ईडी-सीबीआई ने गांधी परिवार पर एफआईआर दर्ज करना या जांच तक शुरू करना भी जरूरी क्यों नहीं समझा?”

सुशांत सिन्हा ने अपने ट्वीट में संबित पात्रा पर निशाना साधते हुए आगे कहा, “जनता को मूर्ख बनाना बंद कीजिए और अगर सबूत है तो अरेस्ट कीजिए। खाली चुनाव में इस्तेमाल करना बंद कीजिए।” सुशांत सिन्हा के अलावा पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा, “पहली सरकार देखी है जो भ्रष्टाचार का आरोप विपक्ष पर लगा रही है और जांच से खुद भाग रही है।”

पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए आगे कहा, “इंटिग्रिटी क्लोज क्यों हटाया गया? जब ईडी और सीबीआई के पास राफेल घोटाले से संबंधित सभी दस्तावेज थे तो 18 महीनों तक कभी सुशांत, कभी आर्यन के इर्द-गिर्द देश को क्यों घुमाया? चोर की दाढ़ी में तिनका?” पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने तंज कसते हुए लिखा, “राष्ट्रहित में स्कैम, राष्ट्रीय सुरक्षा में जांच नहीं।”

पत्रकार रोहिणी सिंह ने संबित पात्रा पर मामले को लेकर तंज कसते हुए लिखा, “सीबीआई और ईडी जो हर विपक्षी नेता और सरकार के आलोचक के खिलाफ मामले दर्ज करने में तेज है, लेकिन उन्होंने मॉरिशस के अटॉर्नी जनरल से शिकायत मिलने के बाद भी कोई भी जांच शुरू नहीं की। यह नए भारत में हो रहा महान भ्रष्टाचार विरोधी धर्मयुद्ध है।”

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