Breaking
अमेरिका की धमकियों के बावजूद रूस से तेल व्यापार जारी रखेगा भारतओवल टेस्ट में टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत, सीरीज 2-2 से बराबरट्रंप ने लगाया भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ, कहा टैरिफ अमेरिका को फिर से महान और समृद्ध बना रहाIAS संजय प्रसाद सीएम योगी के क्यों हैं इतने विश्वासपात्र ,जाने कौन सी बड़ी जिम्मेदारी मिली?एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के 4थे टेस्ट में अंशुल कंबोज का डेब्यू, बने भारत के 318वे टेस्ट प्लेयरमानसून सत्र के तीसरे दिन भी जारी रहा हंगामा, लोकसभा में राष्ट्रीय खेल शासन बिल पेशउपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लिया अचानक इस्तीफाAxiom 4 Space Mission: लखनऊ के शुभांशु शुक्ला हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवानाकहीं ये वर्ल्ड वॉर की दस्तक तो नहीं? ईरान ने किया अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला११वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का एस.एम.एस में आयोजन
राष्ट्रीय

आंदोलन कर रहे किसानों को सुप्रीम कोर्ट का करारा जवाब, जानें यहां

Delhi: आंदोलन कर रहे किसानों के लिए सुप्रीम कोर्ट का करारा जवाब है उन्होंने कहा है विरोध कर सकते हैं लेकिन ट्रैफिक को नहीं रोक सकते. हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर किसान संगठन धरने पर बैठे हैं जिसकी वजह से कई जगह रोड को बंद या डायवर्ट भी करना पड़ा है.अब इस मामले पर दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जल्द इस मुद्दे का समाधान निकालने को कहा है.

 

नोएडा के एक निवासी ने सड़क जाम होने से आने वाली दिक्कत के बाद किसान आंदोलन के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हमने राज्य सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र देखा है, आप समाधान क्यों नहीं कर सकते, उनके पास विरोध करने का अधिकार है लेकिन ट्रैफिक को बाधित नहीं किया जा सकता.अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार को जल्द ही इस मामले का कोई हल निकालना होगा. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की गैरमौजूदगी के चलते आज इस मामले की सुनवाई टाल दी गई है और अब 20 सितंबर को अगली सुनवाई होगी. कोर्ट में किसान आंदोलन के चलते बंद नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली रोड को खुलवाने के लिए याचिका दायर की गई थी. किसान यहां गाजीपुर बॉर्डर के पास धरने पर बैठे हुए हैं.

 

याचिका में कहा गया है कि किसान आंदोलन की वजह से बंद सड़क अब परेशानियों का सबब बन चुकी है. नोएडा से दिल्ली पहुंचने के लिए जिस रास्ते पर आधे घंटे का वक्त लगता था अब उसमें दो घंटे लग जाते हैं. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार और किसान दोनों पक्षों से समाधान खोजने की अपील की है, साथ ही कहा कि किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन वह कहीं और भी धरने पर बैठ सकते हैं ताकि आम लोगों को परेशानी न हो सके.

Related Articles

Back to top button