यूक्रेन से लड़ने के लिए रूस भेजा सबसे दुनिया का सबसे खतरनाक स्नाइपर
नई दिल्ली। यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमलों का जवाब देने के लिए अब दुनिया का सबसे चर्चित किलर (Russia Ukraine War) यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच गया है. इस किलर को घोस्ट किलर यानी न दिखाई देने वाला हत्यारा भी कहा जाता है. उसकी खूबी ये है कि वह साढ़े तीन किलोमीटर दूर से भी अपनी राइफल से किसी का भेजा उड़ा सकता है.
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेंड किलर का नाम वली (Wali) है. कनाडा का रहना वाला वली शुक्रवार को यूक्रेन (Ukraine) पहुंच गया. कनाडा में उसकी पत्नी और नवजात बच्चा साथ रहते हैं. 40 साल के वली कनाडियन आर्म्ड फोर्सेज के ट्रेंड स्नाइपर (World Best Sniper) रहे हैं. वे नाटो देशों की ओर से 2009 और 2011 में अफगानिस्तान में तैनात रह चुके हैं. वली Royal Canadian Army की 22nd Regiment के सैनिक रहे हैं, जिसने 3.5 किलोमीटर दूरी से दुश्मन का सिर उड़ाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था.
इससे पहले यूक्रेन (Ukraine) के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने दुनियाभर के लोगों से अपील की थी कि जो लोग यूक्रेन की आजादी की इस जंग में यूक्रेन का साथ देना चाहते हैं, वे आकर उनकी टैरिटोरियल फोर्स में शामिल हो सकते हैं.
दुनिया के सबसे खतरनाक स्नाइपर (World Best Sniper) कहे जाने वाले वली का यह असली नाम नहीं बल्कि निक नेम है. अरबी में इसका नाम का मतलब रक्षक होता है. उन्हें यह निकनेम अफगानिस्तान में चलाए गए कनाडियन मिलिट्री के ऑपरेशन में योगदान की वजह से दिया गया था.
वली ने एक फ्रेंच अखबार से बात करते हुए कहा कि उन्हें यूक्रेन (Ukraine) के डोनबास इलाके में रहने वाले एक दोस्त ने फोन किया था. उसने कहा था कि डोनबास में राहत सामग्री को सुरक्षित तरीके से लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्हें एक स्नाइपर की जरूरत है, जो हमले कर रहे रूसी सैनिकों से लड़ सके.
रिपोर्ट के मुताबिक Wali की गिनती दुनिया के बेस्ट स्नाइपर्स (World Best Sniper) में होती है. उनकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि वे दुश्मन की नजर में आए बगैर घंटों तक किसी भी जगह पर पत्थर बनकर पड़े रह सकते हैं. माना जाता है कि अगर वे फॉर्म में हों तो एक दिन में 40-50 दुश्मनों का भेजा उड़ा सकते हैं. उनके खतरनाक होने का अंदाजा भी इससे लगाया जा सकता है कि आम तौर पर एक अच्छा स्नाइपर भी 7-8 से ज्यादा शिकार नहीं कर पाते.
Wali ने यूक्रेन (Ukraine) आने का कारण बताते हुए कहा, ‘मैं उनकी (यूक्रेनियों) मदद करना चाहता हूं. मैं यूक्रेन इसलिए आया हूं क्योंकि यहां के लोगों पर सिर्फ इसलिए बमबारी की जा रही है क्योंकि वे यूरोपियन होना चाहते हैं, रूसी नहीं.’