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कृषि कानून के बाद सीएए के संबंध में सवाल पूछे जाने पर नज़र चुरा गये टिकैत।

लखनऊ : कृषि कानून तो वापस होने की चर्चा आम हो गई हैं परंतु किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत इसे अभी निरस्त नही मान रहे और न ही आंदोलन बंद किया इसी के चलते राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हैं. राकेश टिकैत किसान महापंचायत में शिरकत करने लखनऊ पहुंचे हैं. कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद हो रही इस महापंचायत से पहले राकेश टिकैत को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर से संबंधित सवालों का भी सामना करना पड़ा.
राकेश टिकैत से असदुद्दीन ओवैसी की उस मांग को लेकर सवाल पूछा गया जिसमें ओवैसी ने तीनों कृषि कानूनों की ही तर्ज पर सीएए को भी वापस लेने की मांग की थी. असदुद्दीन ओवैसी के इस सवाल को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत कन्नी काटते नजर आए. राकेश टिकैत इस सवाल पर सीधे-सीधे बोलने से बचते नजर आए. اون لاين بلاك جاك

राकेश टिकैत ने जवाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा. राकेश टिकैत ने कहा ”बीजेपी और असदुद्दीन ओवैसी चाचा-भतीजे हैं. ये चाचा-भतीजे की पार्टी की बात है. भतीजा मांग ले तो चाचा इसे भी वापस कर लेगा.” राकेश टिकैत इन दोनों कानून की वापसी को लेकर खुलकर अपनी राय रखने से बचते नजर आए. الرهان على سباق الخيل

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था. لعبة روليت اون لاين इसके बाद सीएए को वापस लेने की मांग भी जोर पकड़ रही है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि सरकार को नागरिकता संशोधन कानून भी वापस ले लेना चाहिए. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी दो दिन के अधिवेशन में सीएए वापस लेने की मांग का प्रस्ताव पारित किया है. वहीं, जमीयत उलेमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी सीएए वापसी की मांग की है.

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