दिवाली की शुभकामनाओं के साथ जानिए ,पर्व का महत्व, पूर्ण विधिविधान से पूजा का तरीका ।
दीपावली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन होती है। दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भाईदूज का पर्व होता है। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का सबसे अधिक महत्व होता है। लक्ष्मी पूजन करने से परिवार में सुख और समृद्धि आती है। यानी दिवाली का त्योहार इस साल चार नवंबर यानी गुरुवार को मनाया जा रहा है। दो नवंबर को धनतेरस के साथ इस त्योहार की शुरुआत हो गई है।
दिवाली का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja muhurat 2021)
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त हर जगह अलग-अलग है। दिल्ली एनसीआर में पूजा का शाम 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 06 मिनट तक है। लक्ष्मी जी के साथ-साथ भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी को धन और संपत्ति की देवी माना जाता है। वहीं भगवान गणेश बुद्धि और कार्य को सफल करने वाले देवता माने जाते हैं।
नई दिल्ली, दीपावली हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। इस दिन मुख्य तौर पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, देवी सरस्वती, महाकाली की पूजा होती है।
दिवाली पूजन प्रदोष काल में किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार प्रत्येक साल हिंदी महीना कार्तिक कृष्ण पक्ष का अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बहुत ही महत्व रखता है। दिवाली का पर्व अंधकार पर प्रकाश के विजय का प्रतीक है। दीपावली पांच दिनों का पर्व होता है जिसमें धनतेरस से भाई दूज तक यह त्योहार मनाया जाता है। दिवाली की शाम लक्ष्मी-गणेश, कुबेर और माता सरस्वती की विशेष पूजा आराधना करने का विधान है। आइए जानते हैं दिवाली पर शुभ-मुहूर्त में किस तरह किया जाता है लक्ष्मी पूजन…
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व (Significance of Lakshmi Puja on Diwali)
दिवाली का त्योहार मां लक्ष्मी की कृपा पाने का सबसे बड़ा और खास मौका होता है। सभी को दिवाली का इंतजार बेसब्री से रहता है। लक्ष्मी पूजा । पुराणों के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी स्वयं धरती पर आती हैं और प्रत्येक घर में विचरण करती हैं। जिन घरों में साफ-सफाई, प्रकाश और विधि-विधान से देवी-देवताओं की पूजा -आराधना व मंत्रों पाठ होता है मां लक्ष्मी वहीं पर निवास करने लगती हैं। जिस कारण से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव और धन की कभी भी कमी नहीं होती है।
लक्ष्मी पूजा की विधि: (Method of Lakshmi Puja on Diwali)
-दिवाली पर लक्ष्मी पूजा से पहले पूरे घर की साफ-सफाई कर लें। घर में गंगाजल का छिड़काव करें। घर को अच्छे से सजाएं और मुख्य द्वार पर रंगोली बना लें।
-पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाकर वहां देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। चौकी के पास जल से भरा कलश रख दें।
-माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाकर उन्हें जल, मौली,गुड़, हल्दी, चावल, फल, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें।
-इसके बाद देवी सरस्वती, मां काली, श्री हरि और कुबेर देव की विधि विधान पूजा करें। महालक्ष्मी पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरणों की पूजा करें।
-अंत में माता लक्ष्मी की आरती जरूर करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं। प्रसाद घर-परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें।
दिवाली पूजा मंत्र (Diwali Puja Mantra)
मां लक्ष्मी मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
कुबेर मंत्र-ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।
पूजा मुहूर्त: (Lakshmi Puja Muhurta on Diwali)
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – 06:09 PM से 08:04 PM
लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त – 11:39 PM से 12:31 AM, नवम्बर 05
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 04, 2021 को 06:03 AM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे
दिवाली पूजा सामग्री की सूची (list of diwali puja material)
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, रोली, कुमुकम, अक्षत (चावल), पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी, दीपक, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, धनिया, फल, फूल, जौ, गेहूं, दूर्वा, चंदन, सिंदूर, पंचामृत, दूध, मेवे, खील, बताशे, जनेऊ, श्वेस वस्त्र, इत्र, चौकी, कलश, कमल गट्टे की माला, शंख, आसन, थाली. चांदी का सिक्का, चंदन, बैठने के लिए आसन, हवन कुंड, हवन सामग्री, आम के पत्ते प्रसाद।