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उत्तर प्रदेशलखनऊ

योगी की हुंकार ,अपराधी के दुस्साहस पर दूसरे लोक भेजने की चेतावनी |

उत्तर प्रदेश: यूपी में विधानसभा चुनाव के जैसे जैसे दिन करीब आ रहे हैं चुनावी हलचल भी बढ़ती जा रही है, चुनावी तैयारी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रचार की कमान संभाल ली है। इसी क्रम में वह मंगलवार को कैराना पहुंचे थे। यहां उन्होंने पलायन के बाद वापस लौटे व्यापारियों और उनके परिजनों से मुलाकात की।

योगी ने जनसभा को संबोधित करते हुए दो टूक कहा कि किसी अपराधी ने दुस्साहस किया तो दूसरे लोक भेज देंगे, पहले सरकारों में अपराधियों को हेलीकॉप्टर से बुलाकर सम्मानित किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। सियासी हलचल के बीच योगी आदित्यनाथ का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।

इस इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से सवाल किया गया था, ‘भारत पर हिंदुत्व एजेंडा जबरदस्ती थोपा जा रहा है जबकि ये एक सेक्युलर देश है। कहा जाता है कि हम भारत को हिंदुत्व की नज़र से देखना चाहते हैं। क्या ये ठीक है?’ सीएम योगी ने इसका जवाब दिया था, ‘भारत सेक्युलर देश इसलिए है क्योंकि ये हिंदू बहुल देश है। आखिर भारत से अलग हुए बांग्लादेश और पाकिस्तान में सेक्युलरिज्म कहां मर गई है? अगर कोई भारत में सेक्युलरिज्म चाहता है तो वो पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी इसकी वकालत करे।’

योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं, ‘हिंदू होना ही सेक्युलर होने की सबसे बड़ी गारंटी है। मैं कहता हूं कि हिंदू सनातन के रूप में अगर खुद को मानता हूं तो बताइए कहां से गलत करता हूं? भारत में रहकर सेक्युलरिज़्म की बात रखना बहुत आसान है, मैं तो चाहता हूं कि ऐसे लोग पाकिस्तान में जाकर भी सेक्युलरिज्म की बात रखें।’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल किया गया था, ‘भगवा वस्त्र पहनकर, साधु का रूप धारण कर, इस तरह की नफरत फैलाना कहां तक ठीक है?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘अगर कोई आपको मारेगा तो मुझे लगता है कि सामने कोई मानव होगा तो उसके दो थप्पड़ भी आप सहन कर सकते हैं। लेकिन सामने अगर कोई दानव है तो उसके एक थप्पड़ का जवाब तुरंत दीजिए। अगर हम लोग ऐसा करते हैं तो उसमें परेशानी होती है, लेकिन कोई अन्य ऐसा करता है तो उसकी कोई चर्चा नहीं होती।’
सीएम योगी ने हाल ही में एक रैली के दौरान मुजफ्फरनगर दंगों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था, ‘मुजफ्फरनगर में जब दो निर्दोष नौजवान मारे गए, तब इन लोगों को जाति नजर नहीं आ रही थी। वहां जब निर्दोष हिंदुओं के घर जलाए जा रहे थे, तब जातिवाद की राजनीति करने वालों को उनकी जाति नजर नहीं आई थी। दूसरी तरफ, उन्होंने कहा था कि पिछली सरकारों में झूठे केस दर्ज कर लोगों को डराया जाता था।

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