GST काउंसिल की 43 वीं बैठक में कोविड-19 मेडिकल संसाधनों पर टैक्स राहत पर निर्णय नहीं, छोटे करदाताओं को एमिनेस्टी योजना के तहत मामूली राहत
अर्ली न्यूज़ नेटवर्क
लेख -गोंदिया महाराष्ट्र से किशन सनमुखदास भावनानी
गोंदिया: कोविड-19 महामारी ने वर्ष 2020 के शुरू से ही संपूर्ण विश्व को के नागरिकों को उनके जीवन सहित हर क्षेत्र को उम्मीदों से कई गुना अधिक विपत्तियों में घेर रख रखा है और एक सामान्य आदमी से लेकर साधन संपन्न व्यक्तियों के लिएभी भारी समस्या खड़ी कर दी है जिसका मुकाबला करने के लिए संपूर्ण विश्व लगा हुआ है। पहला तो कोविड-19 महामारी से महायुद्ध कर उसे हराना, उसके बाद आर्थिक जीवन चक्र को पटरी पर लाना मुख्य उद्देश्य बना हुआ है।…बात अगर हम भारत की करें तो यहां भी 2020 से कोरोना महामारी और आर्थिक क्षेत्र की चिंता से जूझ रहें है। हालांकि पिछले वर्ष 20 लाख करोड़ की राहत की घोषणा हुई थी परंतु वर्ष 2021 में माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने कोविड-19 से लड़ने के अधिकारों का विकेंद्रीकरण कर राज्यों के ऊपर रणनीतिक रोडमैप बनाने की जवाबदारी सौंप दी थी और राष्ट्रीय लॉकडाउन नहीं लगाने और राज्यों को भी लॉकडाउन लगाने को अंतिम विकल्प के रूप में चुनने का सुझाव अपने राष्ट्रीय संबोधन में दिया था। उनकी इस 2021 की रणनीति पर पर 28 मई 2021 को एक टीवी चैनल पर एक सर्वेक्षण दिखाया गया जिसमें 2021 की प्रधानमंत्री की रणनीति को अधिकतम लोगों ने स्वीकृत कर उचित निर्णय माना है ऐसा टीवी चैनल पर दिखाया गया।…बात अगर हम दिनांक 28 मई 2021 को देर रात तक चली जीएसटी काउंसिल की 43 वीं बैठक की करें तो इस बैठक में जो करीब सात-आठ माह के बाद और 2021 में पहली बार हुई। कोविड से पीड़ित भारत के हर वर्ग को कुछ न कुछ राहत की उम्मीद थी। पेट्रोल-डीजल पर बढ़ते भाव पर, कोरोना वैक्सीन पर जीएसटी घटाने या जीरो करने के अलावा दवाई और उपकरणों पर टैक्स घटानेका फैसला उम्मीद के अनुसार नहीं हो पाया। क्योंकि बैठक में एक राय नहीं बन पाने के कारण यह मामला मंत्री समूह को सौंप दिया गया और 10 दिन बाद फिर जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर आखिरी फैसला हो सकता है। बैठक में 5 राज्यों के वित्त मंत्रियों ने नए सदस्य के रूप में भी भाग लिया कोविड-19 से संबंधित उपकरणों के बारे में बैठक में विस्तार से चर्चा हुईबैठक में कुल 7 फैसले लिए गए और वैक्सीन पर टैक्स से लेकर मंत्रीसमूह बनाया गया इन फैसलों की जानकारी वित्त मंत्री द्वारा जो जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष भी है उन्होंने बताया….कोविड से संबंधित उपकरणों के बारे में बैठक में विस्तार से बातचीत हुई। (1) जीएसटी काउंसिल ने राहत सामग्री के आयात में छूट देने का फैसला किया है। यह छूट 31 अगस्त तक बढ़ाने का फैसला किया गया जो पहले केवल 2 माह के लिए था। (2) ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोगी को एंफोटेरिसिंन बी को भी छूट वाली लिस्ट में रखा गया है, याने ज़ीरो टैक्स। (3) कोविड-19 से संबंधित वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती के मसले पर मंत्रिसमूह का गठन किया गया, 10 दिन में रिपोर्ट पेश करेगा। (4) कोविड सामग्रियों पर जीएसटी रेट कम करने के मसले पर काम करेगा। (5)जीएसटी व्यवस्था में छोटे करदाताओं को राहत के लिए एमनेस्टी योजना की सिफारिश की गई। (6) लेटफीस को युक्तिसंगत बनाने के साथ ही इसमें कमी की जाएगी। (7) वार्षिक रिटर्न फाइलिंग को भी सरल बनाया जाएगा उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल में कुल 33 सदस्य होते हैं और यह जीएसटी की संरचना सरल और सीधी है। जीएसटी प्रणाली में पांच स्लैब है, एक कर – मुक्त स्लैब, 5% स्लैब, 12% स्लैब, 18% स्लैब और 28% स्लैब। भारत देश में जीएसटी 1 जुलाई 2017 को प्रभावी रूप से पूरे देश में एक साथ लागू किया गया था।…अगर हम 1 जुलाई 2017 से दिसम्बर 2020 तक के जीएसटी सफर की बात करें तो इस कानून में अब तक अनेकों बदलाव हो चुके है। कभी सरकार कानून की धाराओं को बदलती है तो कभी इसके तहत नियमो को। साथ ही सरकार द्वारा जारी सर्कुलरस, ऑर्डर्स, प्रेस विज्ञप्ति को भी जोड़ दे तो बदलाव काफी हो जाते है। अगर हम यह कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि जीएसटी आज परिवर्तन शब्द का प्रयायवाची बन चुका है। अब तो आलम यह है की कर सलाहकारों,कर विशेषज्ञों एवं कर विभाग के अधिकारीयों को भी इस कानून मे हुए बदलावों को समझना मुश्किल होता जा रहा है और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हम सबको उम्मीद थी कि बैठक में कोविड-19 से जुड़े प्रोडक्ट सस्ते हो सकते हैं। जीएसटी काउंसिल को कोविड -19 की वैक्सीन को टैक्स में छूट देने के प्रस्ताव पर विचार होगा। अभी वैक्सीन पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है। कुछ राज्यों ने कोरोना की वैक्सीन को पूरी तरह टैक्स से मुक्त रखने या 0.1 फीसदी का मामूली टैक्स लगाने का सुझाव दिया था पर इन सब बातों पर निर्णय नहीं हो सका अतःउपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम विश्लेषण करें तो जीएसटी काउंसिल की 43 वीं बैठक में कोई नया मेडिकल संसाधनों पर टैक्स राहत पर निर्णय नहीं हुआ और छोटे करदाताओं को एमएनएसपी योजना के तहत मामूली राहत मिली तथा कोविड-19 से पीड़ित हर वर्ग जीएसटी काउंसिल की ट्रॉली से बैठक से बड़ी उम्मीदें लगा कर बैठा था परंतु उन्हें उम्मीदों के अनुसार राहत नहीं मिली।
यहाँ इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं-
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र