झारखंड , बोकारो: मनुष्य की मूल भूत आवश्यकता जिसमे शामिल हैं रोटी, कपडा, मकान, और इस महंगाई के दौर में मनुष्य का सारा जीवन इन आवश्यकताओं की पूर्ति में व्यतीत हो जाता है, अगर इन परिस्थितियों मे कोई सहारा बने तो मन प्रफुल्लित हो जाता है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल योजना को बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अमलीजामा पहनाने की एक राजनैतिक पहल की है । पूरे राज्य में सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना का शुभारंभ दुमका से किया जाएगा।बोकारो जिले के कुल 3 लाख 33 हजार 231 परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। प्रत्येक परिवार को एक साड़ी व एक धोती या लुंगी मात्र बीस रुपये में मिलेगी। मतलब 10-10 रुपये में साड़ी, धोती व लुंगी देने की योजना है।
इसके लिए जिला स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन सेक्टर-पांच स्थित बोकारो क्लब में होगा। उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को एक धोती और एक साड़ी या लुंगी दी जाएगी। साल में दो बार योजना का लाभ दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत वितरित की जाने वाली धोती एवं साड़ी जन-वितरण प्रणाली दुकानों के माध्यम से बांटी जाएगी। दोपहर एक बजे मुख्यमंत्री द्वारा योजना का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया जाएगा। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनधियों की उपस्थिति में जिलास्तरीय वस्त्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
केवल झारखंडी को मिलेगा योजना का लाभ: जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ लेने के इच्छुक व्यक्ति के पास झारखंड सरकार के आपूर्ति विभाग द्वारा जारी पीएच या अंत्योदय कार्ड होना चाहिए। साथ में आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य है। गौरतलब है कि पूरे देश में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू है, पर केवल झारखंड के निवासियों को ही इसका लाभ मिलेगा।
शिबू के पिता के नाम पर है योजना: झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने पहली बार इस योजना को लेकर पहल की थी। अपने पिता के नाम पर सोना-सोबरन वस्त्र वितरण योजना की उन्होंने शुरुआत की थी। हालांकि शिबू सोरेन सीएम की कुर्सी पर अधिक दिनों तक रह नहीं सके। इस वजह से यह योजना ठीक ढंग से धरातल पर उतरती, उसके पहले ही उनकी सरकार चली गई। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थ,े तब अपने दादा के नाम सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना की शुरुआत की थी। इस योजना को शुरू करने के पीछे उद्देश्य यह था कि गरीब, दलित व आदिवासी परिवारों को पीडीएस के माध्यम से अनुदानित दर पर धोती, साड़ी व लुंगी मुहैया कराई जाए। जब वे दोबारा सत्ता में आए हैं तो योजना को फिर से शुरू किया जा रहा है।