उत्तराखंड: परिवहन विभाग एवं कर्मचारियों की वजह से आए दिन कुछ न कुछ रुकावटें आती ही रहती हैं अब अचानक ग्रामीण डिपो के कई कंडक्टरों के छुट्टी पर जाने के कारण कई बसों का संचालन नहीं हो पाया। इससे नुकसान होने पर मंडलीय प्रबंधक नाराज हो गए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अब अगर इस तरह की छुट्टी की वजह से रोडवेज का नुकसान हुआ तो सीधे अधिकारियों से वसूली की जाएगी।
दरअसल, तीन-चार दिन पहले ग्रामीण डिपो के कई कंडक्टर छुट्टी पर थे। इस वजह से ग्रामीण डिपो की कई बसों का संचालन नहीं हो पाया, जिससे रोडवेज को राजस्व का नुकसान हुआ। यह मामला मंडलीय प्रबंधक के संज्ञान में आया तो उन्होंने सख्त नाराजगी जताई। बुधवार को उन्होंने वरिष्ठ केंद्र प्रभारी, केंद्र प्रभारी, समयपाल को आदेश दिए हैं कि वह भविष्य में बस संचालन प्रभावित न हो, इसी आधार पर कंडक्टरों या ड्राइवरों को छुट्टी दें।
अगर कोई भी ड्राइवर या कंडक्टर बिना बताए ड्यूटी से गायब होता है तो तत्काल इसकी सूचना उन्हें उपलब्ध कराएं। इसके बाद भी अगर अधिकारियों की लापरवाही की वजह से रोडवेज बसों का संचालन प्रभावित हुआ तो इसके लिए यह केंद्र प्रभारी और समय पाल जिम्मेदार माने जाएंगे। इस नुकसान की भरपाई इन अधिकारियों से ही की जाएगी। उन्होंने यह आदेश ग्रामीण डिपो के साथ ही पर्वतीय डिपो, हरिद्वार डिपो, रुड़की डिपो, ऋषिकेश डिपो, कोटद्वार डिपो, देहरादून डिपो और श्रीनगर डिपो को भी भेजे हैं।
डग्गामारी हुई तो नपेंगे परिवहन विभाग और रोडवेज के अधिकारी
प्रदेश में राष्ट्रीय परमिट, डग्गामारी और अंतरराज्यीय बसों के संचालन में लापरवाही अब अधिकारियों पर भारी पड़ेगी। परिवहन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बुधवार को इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। आदेशों के मुताबिक, अवैध रूप व नियमों से इतर संचालित वाहनों (डग्गामारी वाहन) के विरुद्ध कठोर प्रवर्तन की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अवैध रूप से और नियमों के विरुद्ध चलने वाले वाहनों पर रोक और प्रवर्तन की कार्रवाई के लिए आरटीओ या एआरटीओ और रोडवेज के आरएम या जीएम की संयुक्त टीम बनेगी। यह टीम अवैध रूप से संचालित नेशनल परमिट के वाहनों और डग्गामारी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। बिना परमिट और परमिट की शर्तों का उल्लंघन करने पर टीम कार्रवाई कर उनके शुल्क का विवरण उपलब्ध कराएगी। परिवहन निगम की बसों का यांत्रिक और भौतिक सत्यापन मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करेगी।
अंतरराज्यीय वाहनों के नियमित रूप से कर देयता, परमिट एवं निर्धारित मार्गों पर संचालन भी सुनिश्चित करना होगा। संयुक्त टीम नियमित अंतराल पर नियमित चेकिंग और प्रवर्तन की कार्रवाई करेगी। इसके बाद भी अगर नियम विरुद्ध संचालन पकड़ में आया तो यह परिवहन विभाग के आरटीओ या एआरटीओ और रोडवेज के जीएम या आरएम की जिम्मेदारी मानी जाएगी। यानी ऐसा होने पर सीधे इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि महीने भर की पूरी कार्रवाई और उससे हुई वसूली का पूरा विवरण महीने के पहले सप्ताह में शासन को भेजना होगा।