सरकारी अधिकारी करें ऐसा अंधेर, रातों रात बन जाए धनकुबेर, आय से अधिक सम्पति
झाबुआ। जिस तरह से ये सरकारी कर्मचारियों और बाबुओं की सम्पति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ जाती है अगर ऐसे ही आम आदमी की संपत्ति में भी इजाफा होता है तो देश से गरीबी छूमंतर होने में टाइम नहीं लगेगा परंतु ऐसा नहीं होता है आए दिन ऐसे मामले संज्ञान में आते रहते हैं जिनका खुलासा होने पर आदमी सोचने पर विवश हो जाता है कि व्यक्ति लालच में अंधा होकर क्या-क्या करता होगा ऐसे ही एक मामला इन दिनों सामने आया प्रदेश के झाबुआ जिले के मेघनगर के ग्राम मालटोडी में शुक्रवार तड़के लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई है। लोकायुक्त पुलिस की पूरी टीम आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था देवझिरी में पदस्थ मैनेजर के निवास स्थान मालटोड़ी सहित रतलाम, झाबुआ, मेघनगर में भी कार्रवाई की, जिसमें बेतहाशा सम्पति का मालिक मैनेजर भारत सिंह हाड़ा पाया गया।
आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्यादित देवझरी के मैनेजर भारत सिंह हाड़ा की विगत कई दिन से संस्था के कार्यकलापों की और अनियमिताओं की जानकारी लोकायुक्त मिली रही थी मालटोड़ी, मेघनगर, झाबुआ व रतलाम में इसके ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है। पांच से छह मकान हैं। दो तीन कृषि भूमि व भूखण्ड हैं। 15 से 20 लाख रुपए नकद राशि मिली है। अभी कार्रवाई जारी है। शाम तक पूरी जानकारी सामने आ सकेगी।
इंदौर लोकायुक्त एसपी सव्यसाची सराफ ने बताया कि भारत सिंह हाड़ा के विरुद्ध आय से अधिक सम्पति की जानकारी प्राप्त हुई थी। शिकायत की जांच की गई। जांच की पुष्टि करने पर रतलाम, झाबुआ, मेघनगर और गांव किशनपुरा में उनके मकानों पर दबिश दी। उसके पास एक स्कार्पियो, एक बूलेट और दो दुपहिया वाहन, 4 मकान, 50 तोला सोना, चांदी के बर्तन, दो प्लॉट, दो कार, 10 LIC पॉलिसी, 5 लाख रुपए की FD, कृषि जमीन समेत अन्य सामान मिला है।
इंदौर लोकायुक्त इंस्पेक्टर विजय चौधरी के अनुसार हाडा की सैलरी 35 हजार रुपए होगी। उसने 25 साल की नौकरी की है जबकि आलीशान जिंदगी जी रहा है। लोकायुक्त की कार्रवाई शुरू होने के बाद से वह लापता है। बता दें कि हाडा मूलरूप से गांव मालटोडी का रहने वाला है।
साल 1997 में बतौर सेल्समैन भर्ती हुआ था। प्रमोशन पाकर 2014 में सहायक प्रबंधक व 2017 में प्रबंधक बन गया। शुरुआत में उसकी तनख्वाह 8 से 12 हजार रुपए थी, जो 35 हजार रुपए तक पहुंच गई।