Latest News
सी.एम.एस. में 22 नवम्बर से 54 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश व कानूनविद् पधारेंगे लखनऊरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय ने किया एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजनभूस्खलन की वजह से 80 लोगों की मौत, केरल में दो दिनों का शोक, राहुल-प्रियंका जाएंगे वायनाडबंथरा ब्राह्मण हत्या काण्ड: दिवंगत रितिक पाण्डेय के परिवार से मिलेगा ब्राह्मण प्रतिनिधि मंडलकारगिल युद्ध में भारत की विजय को आज 25 साल पूरे Early News Hindi Daily E-Paper 7 July 2024UK आम चुनाव में ऋषि सुनक की करारी हार, लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर नए प्रधानमंत्री7 जुलाई को गुजरात दौरे पर राहुल, गिरफ्तार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के घर वालो से मिलेंगेEarly News Hindi Daily E-Paper 6 July 2024Early News Hindi Daily E-Paper 5 July 2024
राष्ट्रीय

PM नरेंद्र मोदी ने भारत को सौंपा स्वदेशी महाबली युद्धपोत, INS विक्रांत

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश को पहला स्वदेशी महाबली विमानवाहक पोत सौंप दिया है। उन्होंने इस दौरान देश को संबोधित करते हुए कहा कि यह समंदर की सभी चुनौतियों को भारत का जवाब है। उन्होंने कहा कि आज यहां केरल के समुद्र तट पर हर भारतवासी देश के नए सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। आईएनएस विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन विश्व के क्षितिज पर भारत क बुलंद होते हौसलों की हुंकार है। आजादी के आंदोलन में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस सक्षम भारत का सपना देखा था, उसकी एक सशक्त तस्वीर आज हम यहां देख रहा है। विक्रांत विशाल है, विराट है और विहंगम है।

पीएम ने कहा कि विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है बल्कि 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। समंदर और चुनौतियां अनंत हैं तो भारत का उत्तर है, आईएनएस विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का यह अतुलनीय अमृत है। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत। यह हर भारतीय के लिए गौरव का अवसर है। यह हर भारतीय का स्वाभिमान बढ़ाने वाला अवसर है। इसके लिए मैं हर देशवासी को बधाई देता हूं। लक्ष्य कठिन से कठिन क्यों न हों, चुनौतियां बड़ी से बड़ी क्यों न हों, भारत जब ठान लेता है तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता है। आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करता है।

पीएम मोदी ने कहा, ”आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नए विश्वास से भर दिया है। देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है। आज विक्रांत को देखकर समंदर की ये लहरें आह्वान कर रही हैं कि बढ़े चलो, बढ़े चलो। इसके बेस में जो स्टील लगी है, उसे भी भारत के डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने ही तैयार है। इससे जितनी बिजली पैदा होती है, उससे 5000 घरों को रोशन किया जा सकता है। विक्रांत में जितने केबल और वायर इस्तेमाल हुए हैं, वे कोच्चि से शुरू हों तो काशी तक पहुंच सकते हैं। यह जटिलता हमारे इंजीनियरों की जीवटता उदाहरण है। यह एक तैरता हुआ शहर है। इस बार लाल किले से मैंने पंच प्रण का आह्वान किया था। इनमें से पहला था विकसित भारत का संकल्प। दूसरा था कि गुलामी की मानसिकता का त्याग और तीसरा था अपनी विरासत पर गर्व। चौथा आत्मनिर्भरता और पांचवां नागरिकों के कर्तव्य।”

पीएम ने कहा कि अभी तक इस तरह के एयरक्राफ्ट कैरियर केवल विकसित देश ही बनाते थे, आज भारत ने इस लीग में शामिल होकर विकसित राष्ट्र की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है। साथियों जल परिवहन के क्षेत्र में भारत का गौरवमयी इतिहास रहा है। हमारी समृद्ध विरासत रही है। वैदिक काल से लेकर गुप्त और मौर्य काल तक भारत के समुद्री सामर्थ्य का डंका पूरे विश्व में बजता था। जब अंग्रेज भारत आए तो वे भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे। इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य को तोड़ने का फैसला लिया। ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर पाबंदियां लगा दी गईं।

नौसेना को मिले नए निशान को लेकर पीएम ने कहा, ”हम कमजोर पड़े और गुलामी के दौर में अपनी ताकत को भुला बैठे। अब भारत आजादी के अमृत महोत्सव में अपनी खोई हुई शक्ति को वापस ला रहा है। आज भारत ने गुलामी के एक निशान को अपने सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी और आज से छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित नया ध्वज समंदर और आसमान में लहराएगा। कभी दिनकर जी ने अपनी कविता में लिखा था कि नवीन सूर्य की नवीन प्रभा, नमो, नमो, नमो।”

पीएम ने कहा, ”मैं यह नया ध्वज छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं। मुझे विश्वास है कि भारतीयता की भावना से ओतप्रोत नौसेना के आत्मबल को नई ऊर्जा देगा। विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की रक्षा के लिए उतरेगा तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति नए भारत की बुलंद पहचान बन रही है। मुझे बताया गया है कि अभी नेवी में करीब 600 महिला अफसर हैं और अब नेवी ने अपनी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला लिया है। पाबंदियां अब हट  रही हैं, जैसे समर्थ लहरों के लिए दायरे नहीं होते। वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी कोई दायरे और बंधन नहीं हैं।”

Show More
[sf id=2 layout=8]

Related Articles

Back to top button