कंस्ट्रक्शन, छाई ट्रांसपोर्टिंग के हटाए गये मजदूरों को पुनःप्रवेश की मांग पर बवाल

गोविदपुर (बेरमो) : मजदूरों का हक मारने, तथा उन्हें काम से निकाले जाने से नाराज़ बोकारो थर्मल के नूरी नगर स्थित डीवीसी के ऐश पौंड के मजदूर ठेका कंपनी की वादाखिलाफी से को भड़क उठे। उन्होंने काम रोक कर छाई की ट्रांसपोर्टिंग ठप कर दी। मजदूरों ने ऐश पौंड के समीप प्रदर्शन कर छाई ट्रांसपोर्टिंग कराने वाली ठेका कंपनी रिलायबल कंस्ट्रक्शन के खिलाफ नारेबाजी की।
आंदोलन कर मजदूरों ने छंटनी किए गए मजदूरों को काम पर वापस लेने और न्यूनतम मजदूरी भुगतान करने का दबाव कंपनी प्रबंधन पर बनाया। कहा, जबतक छह सूत्री मांग पूरी नहीं की जाएगी। छाई ढुलाई में लगे ट्रकों का चक्का जाम रहेगा। ऐश पौंड में काम नहीं होने दिया जाएगा। मजदूरों ने 11 सितंबर को भी बंद करा दी थी छाई की ट्रांसपोर्टिंग :
ऐश पौंड के मजदूरों ने 11 सितंबर को भी छह सूत्री मांग को लेकर छाई की ट्रांसपोर्टिंग बंद करा दी थी। तब लगभग छह घंटे बाद मजदूरों से बोकारो थर्मल पावर स्टेशन (बीटीपीएस) के डीजीएम अरुण कुमार ने बोकारो थर्मल थाना के एएसआइ अनूप नारायण सिंह एवं रिलायबल कंस्ट्रक्शन कंपनी के साइट इंचार्ज मनीरुद्दीन अंसारी के साथ पहुंचकर वार्ता की थी। साथ ही छह सूत्री मांगों का निराकरण कराने के लिए 19 सितंबर को कंपनी प्रबंधन से वार्ता कराने का आश्वासन दिया था। तब जाकर मजदूरों ने आंदोलन स्थगित कर छाई की ट्रांसपोर्टिंग सुचारू होने दी थी।
मजदूरों का कहना है कि कंपनी के मालिक श्याम वशिष्ठ ने 19 सितंबर को वार्ता करने को कथारा स्थित अपने आवास पर बुलाया था। तब उन्होंने छह सूत्री मांगों में शामिल वार्षिक बोनस को छोड़कर पांच सूत्री मांगों का निष्पादन करने के लिए 21 सितंबर को लिखित आश्वासन देने की बात कही थी। हालांकि उन्होंने किसी भी प्रकार का लिखित आश्वासन नहीं दिया। इसलिए विरोध में यह आंदोलन अब तब तक जारी रहेगा, जबतक कि लिखित आश्वासन न मिल जाए। 57 मजदूरों में 40 की छंटनी :
रिलायबल कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधीन छाई ट्रांसपोर्टिंग के कार्य में पिछले छह वर्षों से कुल 57 मजदूर कार्यरत थे। उनमें 40 मजदूरों को कार्य से हटा दिया गया। इसके खिलाफ 11 सितंबर को चक्काजाम आंदोलन करते हुए कंपनी के साइट इंचार्ज मो. मनीर को छह सूत्री मांगपत्र दिया गया था। उस छह सूत्री मांगपत्र में छंटनी किए गए मजदूरों को पुन: काम पर रखने, केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भुगतान करने, प्रत्येक माह 10 तारीख से पहले वेतन देने, सभी मजदूरों को पहचानपत्र निर्गत करने और वार्षिक बोनस देने की मांग की गई।
आंदोलन कर रहे मजदूरों में ताज मोहम्मद, कादिर हुसैन, प्रेमचंद महतो, उमेश राम, किशोर महतो, हयात अली, जावेद अंसारी, कमल प्रसाद महतो, लक्खी राम, निर्मल महतो, जैबुन निशा, इतवारी देवी, मंजू देवी, इजराईल अंसारी, शम्सुद्दीन अंसारी, मो. इकबाल, छोटू राम, सुनील राम, विजय राम, प्रदीप राम, संजय घासी, विक्रम मुंडा, साबिर अंसारी, संतोष मुंडा, मुन्ना मांझी, संजय नायक, शहादत हुसैन, नरेश मांझी, नारायण महतो, मोहन मांझी, भोला राम, मुबारक अंसारी आदि शामिल हैं।