8 कंपनियों से 16 लाख वसूलेगी सेबी….
शेयर बाजार : भारतीय शेयर बाजार में गलत व्यापार करने धोखा देने के आरोप में 8 प्रतिष्ठित कंपनियों पर आरोप लगाते हुए 16लाख का जुर्माना लगाया है । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) न. जिन कंपनियों पर कार्रवाई की है, उनमें एक्यूटी मर्चेंट्स प्राइवेट लि., गोदावरी कमर्शियल सर्विसेज लि., कावेरी गुड्स प्राइवेट लि., इन्वोरेक्स विन्कॉम प्राइवेट लि., कोस्टल फर्टिलाइजर्स लि., आकांक्षा कमोडिटीज प्राइवेट लि., मेसर्स अग्रवाल होल्डिंग्स और सुपरडील फिनकॉम प्राइवेट लि शामिल हैं.
धोखाधड़ी और गलत व्यापार से जुड़े प्रतिबंध नियमों के उल्लंघन के लिए इन कंपनियों को संयुक्त रूप से 16 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा. सेबी ने यह आदेश अप्रैल-सितंबर, 2017 की अपनी जांच के बाद दिया है. सेबी ने अपने आदेश में कहा कि जांच में यह तथ्य सामने आया है कि एक-दूसरे से जुड़ी ये कंपनियां जांच की अवधि के दौरान ट्रेडिंग कर रही थीं.
इससे पहले सेबी ने ऐसी ही कार्रवाई यस बैंक और अन्य छह लोगों के खिलाफ की थी. बाद में यस बैंक ने सेबी के साथ इस मामले का निपटान कर लिया. यस बैंक और छह लोगों ने 1.65 करोड़ रुपये का भुगतान कर सेबी के साथ मामले का निपटान किया. यस बैंक के अलावा, जिन लोगों ने मामले का निपटान किया है, वे आशीष अग्रवाल, निरंजन बनोदकर, संजय नांबियार, देवमाल्या डे, रजत मोंगा और शिवानंद शेट्टीगर हैं. इन कंपनियों ने मामले के निपटान को लेकर सेबी को आवेदन दिए थे. उसके बाद यह आदेश आया. सेबी ने अपनी जांच में बैंक और छह व्यक्तियों द्वारा संपत्ति की क्वालिटी के खुलासे के मामले में कथित तौर पर की गई गड़बड़ी का पता लगाया था और इस बारे में अक्टूबर 2020 में नोटिस दिया।
सेबी ने अभी हाल में वीडियोकॉन रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. और इलेक्ट्रोपाट्र्स (इंडिया) प्राइवेट लि. पर जुर्माना लगाया था. कंपनियों पर यह जुर्माना वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयरों में किए गए लेन-देन के बारे में गलत खुलासे को लेकर लगाया गया था. दो अलग-अलग आदेशों के अनुसार कंपनियों ने भेदिया कारोबार निरोधक (पीआईटी) नियमों का उल्लंघन किया. नियमों के उल्लंघन को लेकर कंपनियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. शेयर बाजार बीएसई के ‘शेयरहोल्डिंग’ आंकड़े के अनुसार दोनों कंपनियां वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की है।
इस आदेश से पहले, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अप्रैल-सितंबर 2017 के बीच जांच की थी. उसने पाया कि उन्होंने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयर ट्रांसफर के बारे में गलत खुलासे किए. सौदे को गिरवी के रूप में गए शेयरों के रूप में दिखाया गया जबकि ऐसा नहीं था. यह सौदा बाजार से बाहर आपसी सहमति से किया गया. शेयरों को ‘क्लीयरिंग कॉरपोरेशन’ के शामिल हुए बिना आम सहमति से ट्रांसफर किए गए थे. भेदिया कारोबार निरोधक नियम के अनुसार कंपनी के प्रमोटर/निदेशक/नामित व्यक्ति होने के नाते कंपनी को एक तिमाही में एक बार या किस्तों में 10 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन के बारे में खुलासा करना होता है. नियमों के उल्लंघन को लेकर कंपनियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.