दिल्ली:दो हफ्ते बाद SC में अगली सुनवाई, तब तक नहीं चलेगा बुलडोज़र
दिल्ली : जहांगीरपुरी इलाके में एमसीडी के अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत (SC) में सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली में एमसीडी की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि पूरे देश में इस तरह एक साथ रोक का आदेश नहीं दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की दलील
इस मामले की सुनवाई के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि केस सिर्फ जहांगीरपुरी तक सीमित नहीं है बल्कि देश के सामाजिक ढांचे का सवाल है.
सुनवाई के पॉइंट
1.दो हफ्ते बाद होगी सुनवाई
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में चले एमसीडी के बुलडोजर के मामले पर अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी. कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक यथास्थिति बरकरार रहेगी.
2. बुलडोजर पर रोक जारी रहेगी
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि दिल्ली में फिलहाल बुलडोजर की कार्यवाही पर लगी रोक जारी रहेगी.
3. ‘खरगोन में 88 हिंदुओं के घर तोड़े गए’
आज की सुनवाई के दौरान एसजी ने कोर्ट में कहा कि खरगोन में हुई हिंसा में 88 हिंदुओं के घर तोड़े गए.
4. बुलडोजर एक्शन पर रोक चाहता हूं: सिब्बल
सिब्बल ने कहा कि देश भर में बुलडोजर एक्शन पर रोक चाहता हूं. इस पर कोर्ट ने कहा कि पूरे देश में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक का आदेश हम नहीं दे सकते. सिब्बल ने कहा कि कोर्ट ये भी तो देखे कि क्या ये कार्रवाई किसी खास इलाके में हो रही है. कोर्ट ने कहा, ‘हम इस पर विचार करेंगे.’
5. कोर्ट की रोक के बाद भी चला बुलडोजर
सुनवाई के दौरान इस बीच बृंदा करात के वकील पी सुरेन्द्रनाथ ने कहा कि वो मौके पर मौजूद थीं. कोर्ट की रोक के बावजूद काफी देर तक वहां बुलडोजर चलता रहा. यानी आदेश के बाद भी कार्रवाई न रुकने को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है.
6.सामाजिक ताना बाना बिगाड़ा जा रहा है: याचिकाकर्ता
अतिक्रमण हटाओ अभियान पर आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कहा कि देश का सामाजिक ताना बाना बिगाड़ा जा रहा है. ये होता रहा तो कानून का राज नहीं बचेगा. दिल्ली में ऐसी 731 कालोनी हैं तो सिर्फ एक को ही टारगेट क्यों किया जा रहा है.
7. अतिक्रमण हटाना रूटीन प्रक्रिया- तुषार मेहता
आज की सुनवाई में SG तुषार मेहता ने ये भी कहा कि दिल्ली में हुई कार्रवाई अतिक्रमण हटाने की रुटीन प्रकिया है. जिसका उद्देश्य किसी भी व्यक्ति या समुदाय विशेष को भी टारगेट करना नहीं है.