अर्ली न्यूज़ नेटवर्क।
बिहार। उपमुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी ने दो नए चेहरों पर भरोसा जताया है। इसके साथ ही बिहार भाजपा ने सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिंह को उप नेता चुना है। बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह रविवार को पटना में होना है।
बिहार में राजनीतिक उठा पटक का नतीजा सामने आ गया है। नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर उन्होंने एनडीए के साथ वापस आने की घोषणा भी कर दी है। बिहार में आज शाम को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है जिसमें नीतीश कुमार एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। बीजेपी ने इस बार बिहार में सम्राट चौधरी और विजय सिंह को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया है।
उपमुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी ने दो नए चेहरों पर भरोसा जताया है। इसके साथ ही बिहार भाजपा ने सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिंह को उप नेता चुना है। बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह रविवार को पटना में होना है। शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पटना पहुंचेंगे।
बीजेपी ने बिहार में सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को अहम जिम्मेदारी दी है। बिहार में भाजपा ने सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता नियुक्त किया है। वही विजय सिन्हा को उप नेता चुना गया है। दोनों ही नेता बिहार में बनने वाली नई सरकार में उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं बिहार में नौवीं बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने दो नए चेहरों पर एक बार फिर से दांव लगाया है। भाजपा ने जातिगत समीकरण को भी साधने की कोशिश की है।
आपको बता दें कि विजय सिन्हा भूमिहार है। वही सम्राट चौधरी कोइरी समाज से ताल्लुक रखते हैं। ओबीसी वोट बैंक में यादवों के बाद कुर्मी और कोइरी भी समाज का ही दबदबा है। वही भूमिहार की बात की जाए तो इनकी आबादी राज्य में तीन प्रतिशत है।
सुबह इस्तीफा देने के बाद लालू यादव की पार्टी आरजेडी पर जमकर निशाना साधा है। नीतीश कुमार ने राजभवन से बाहर निकालने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि हमारी पार्टी से चर्चा करने के बाद मैंने यह फैसला किया है और इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के सभी कार्यों का क्रेडिट आरजेडी ले रही थी। काम मैं भी कर रहा था हालांकि किसी काम का क्रेडिट मुझे नहीं दिया जा रहा था, जिसे मुझे काफी तकलीफ हो रही थी।