नैनीताल: उत्तराखंड कोना महामारी के चलते हैं सभी तरह के धार्मिक और सार्वजनिक स्थल की यात्राएं स्थगित चल रही थी लेकिन अब कोरोना संकमण के नियंत्रण और हालात को सुधरता हुआ देखते हुए हाई कोर्ट नेें चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटा दी है। गुरुवार को इस मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यात्रा पर लगाई रोक के 28 जून के निर्णय को वापस ले लिया है कोर्ट ने कोविड नियम का पालन करते हुए चार धाम की यात्रा करने का आदेश जारी किया है।हाईकोर्ट ने 26 जून को कोविड की वजह से चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी।
इस आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की थी, लेकिन पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमण अब नियंत्रण में है। ऐसे में यात्रा से रोक हटाई जाए। यात्रा के लिए सरकार नई एसओपी जारी करेगी।
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि केदारनाथ धाम में 800 यात्री, बदरीनाथ धाम में 1200 यात्री, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को प्रतिदिन जाने की अनुमति होगी। यात्री किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य हर यात्री को कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स तैनात करने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष इस प्रकरण पर गुरुवार को सुनवाई हुई। बता दें कि 10 सितंबर को सरकार ने कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया था। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तिथि नियत की थी। हाईकोर्ट की ओर से यात्रा पर लगी रोक हटाये जाने से राज्य सरकार सहित यात्रा से जुड़े व्यवसायियों को बड़ी राहत मिली है। इससे तीर्थ पुरोहितों और उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों को भी राहत की उम्मीद है जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से यात्रा से जुड़े हैं।