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सोशल मीडिया से कारोबार हर साल 25 फीसदी से ज्यादा की उम्मीद, 2025 तक कारोबार 2200 करोड़

नई दिल्ली. सोशल मीडिया एैसा प्लेटफॉर्म है जहाँ पर आप अपनी प्रतिभा के बल बूते किसी भी बिजनेस को प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिये उत्पादों को बेचने के साथ अच्छा नाम भी कमा सकते हैं सोशल मीडिया द्वारा उत्पादों को बेचने के बढ़ते चलन के साथ देश के इस बाजार में साल के अंत तक 900 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है.।
रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया प्रभावकारी बाजार में कारोबार हर साल 25 फीसदी से बढ़ने की उम्मीद है और साल 2025 तक इस क्षेत्र में कारोबार 2200 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता
रिपोर्ट में यह देखा गया कि इंटरनेट के बढ़ते दायरे और प्रभाव के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों की पहुंच में वृद्धि हुई है. इसे देखते हुए कंपनियों ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए सोशल मीडिया पर प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ गठजोड़ करना शुरू किया है.
विज्ञापनदाताओं के एक सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी ने भी सोशल मीडिया पर इन तरह के ‘प्रभावशाली’ व्यक्तियों के लिए दिशानिर्देश तय किए हैं. ग्रुपम की रिपोर्ट में कहा गया कि कोविड-19 महामारी के उत्पन्न परिस्थितियों और कंज्यूमर से सीधे जुड़ने के कारण प्रभावकारी यह उद्योग एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है.
ग्रुपम के दक्षिण एशिया के चीफ एग्जीक्यूटिव प्रशांत कुमार ने कहा, ”महामारी की शुरुआत से पहले तक भारत में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 40 करोड़ लोग थे और पिछले 18 महीनों में यह संख्या तेजी से बढ़ी है. साथ ही कंज्यूमर व्यवहार में भी बदलाव आया है. कंपनियों का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए विज्ञापन देने का सबसे बड़ा कारण प्रभावशाली व्यक्तियों का उनके दर्शकों के साथ गहरा संबंध और भरोसा है. कंपनियों इसका लाभ उठाने के लिए सोशल मीडिया पर प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ जुड़ना चाहती है.
रिपोर्ट के अनुसार इंफ्लुएंसर बाजार में निजी देखबाल से संबंधित उत्पादनों के विज्ञापन या प्रायोजक का योगदान 25 फीसदी, खाद्य पेयजल उत्पादों का 20 फीसदी, फैशन और आभूषण से जुड़े सामानों का 15 फीसदी और मोबाइल एवं इलेक्ट्रिक उपकरणों का 10 फीसदी है. यह चार श्रेणियां इस बाजार में 70 फीसदी का हिस्सा रखती है.
रिपोर्ट के दिलचस्प रूप से पाया गया कि जानी मानी प्रसिद्ध हस्तियों का इस बाजार में केवल 27 फीसदी हिस्सा है जबकि प्रभावशाली व्यक्तियों की हिस्सेदारी 73 फीसदी तक की है. रिपोर्ट में देखा गया कि देश की लगभग दो तिहाई आबादी किसी न किसी सोशल मीडिया पर अपना प्रभाव छोड़ने वाले व्यक्ति को फॉलो करती है.

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