नई दिल्ली : NEET काउंसलिंग में हो रही देरी से भड़के KGMU से ले कर दिल्ली तक के तमाम डॉक्टर, दे रहे धरना, नर्सों के भरोसे मरीज देशभर के रेसिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. दिल्ली से लखनऊ समेत कई राज्यों में डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से अस्पतालों में OPD सेवा भी प्रभावित हो रही हैं.डॉक्टर इसलिए हड़ताल कर रहे हैं क्योंकि अभी तक NEET PG की काउंसलिंग नहीं हो सकी है, जबकि रिजल्ट आए काफी वक्त बीत चुका है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने काउंसलिंग पर रोक लगा रखी है. हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है, ऐसे में नए डॉक्टरों की भर्ती नहीं होने से फिर से वही हालात बन सकते हैं जैसे दूसरी लहर में बने थे.
NEET PG की काउंसेलिंग नहीं होने के विरोध में फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने 27 नवंबर को हड़ताल बुलाई थी. ये हड़ताल अब तक जारी है. दिल्ली में लगातार तीसरे दिन राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पताल में OPD सर्विस बंद रही.
सिर्फ दिल्ली ही नहीं, लखनऊ में भी यही हाल है. लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के रेसिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं. वहां भी एमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर OPD और वार्ड में कामकाज ठप रहा.
FORDA ने सोमवार रात एक बयान जारी कर कहा कि फिलहाल धरना बंद नहीं होगा और वो शुक्रवार (3 दिसंबर) तक का इंतजार कर रहे हैं. अगर 3 दिसंबर तक कोई पॉजिटिव आउटकम नहीं निकलता है तो फिर देशभर के सभी अस्पतालों में रूटीन सर्विस बंद कर दी जाएगी.
शनिवार को FORDA के अध्यक्ष ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) से इस मुद्दे को लेकर मुलाकात की थी. इसके बाद एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर बताया था कि OPD सर्विस को बंद करने का फैसला लिया गया है. बयान में कहा था कि हम इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं.
लखनऊ के KGMU में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. धरने पर बैठीं डॉक्टर निकिता ने बताया कि काउंसलिंग में अभी 2-3 महीने और लग जाएंगे. ऐसे में काफी दिक्कत हो रही है, क्योंकि नए डॉक्टर्स को अभी तक आ जाना चाहिए था लेकिन वो नहीं आ पाए हैं और इसी वजह से वर्क लोड बढ़ रहा है.
डॉक्टर निकिता ने इस बात पर भी जोर दिया कि अभी देश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है. ऐसे में डॉक्टरों का समय रहते मरीजों को इलाज देना जरूरी रहेगा. लेकिन अगर मरीजों को डॉक्टर मिले ही नहीं मिले तो स्थिति काफी बिगड़ सकती है. इसी वजह से निकिता मांग कर रही हैं कि नीट काउंसलिंग जल्द शुरू करवाई जाए और नए डॉक्टरों को सेवा के लिए भेजा जाए.अहमदाबाद में भी 1,500 से ज्यादा रेसिडेंट डॉक्टर्स सोमवार को हड़ताल पर थे. सूरत में धरना कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि आमतौर पर मई में भर्तियां हो जाती थीं, लेकिन पोस्टपोन होने की वजह से अगले साल मार्च तक भर्तियां होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि एक साल से तीन बैच की बजाय सिर्फ दो बैच ही मरीजों को अटेंड कर रहे हैं.अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विश्वजीत राज ने कहा कि सिर्फ 66 फीसदी रेसिडेंट डॉक्टर्स ही हैं. इससे डॉक्टरों पर प्रेशर बढ़ रहा है.
– दरअसल, NEET PG काउंसलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सरकार ने NEET PG में 27% ओबीसी और 10% आपक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को देने का फैसला लिया था, जिसे कुछ मेडिकल छात्रों ने चुनौती दी है. छात्रों ने NEET PG में EWS और OBC वर्ग को आरक्षण की वैधता को चुनौती दी गई है. छात्रों का कहना है कि निम्न आय वर्ग की परिभाषा में 8 लाख रुपये तक सालाना आय के लोगों को रखना मनमाना फैसला है. इस मुद्दे पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.
– सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में आखिरी सुनवाई 25 अक्टूबर को हुई थी. तब सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि फैसला होने तक काउंसेलिंग नहीं होगी. साथ ही ये भी कहा था कि क्रीमी लेयर को बढ़ाने पर विचार कर रही है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला होने तक काउंसलिंग पर रोक लगा दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी.