एनआरएससी की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये, लिए गए अहम फैसले
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग को दुर्घटना मुक्त करने के लिए मंत्री नितिन गडकरी ने अधिकारियों को यूरोपीय मानकों के अनुरूप वाणिज्यिक वाहनों पर स्लीप डिटेक्शन सेंसर लगाने की नीति पर काम करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए विमान पायलटों की तरह व्यावसायिक ट्रक ड्राइवरों के लिए गाड़ी चलाने का समय तय किये जाने की भी वकालत की है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (एनआरएससी) की बैठक में बोलते हुए, गडकरी ने थकान से प्रेरित सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए पायलटों के समान ट्रक चालकों के लिए निश्चित ड्राइविंग घंटे की आवश्यकता को रेखांकित किया। इससे थकान की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। वहीं, हाईवे प्रोजेक्ट्स में चीन की कंपनियों की ओर से किए निवेश पर उन्होंने कहा कि सीमा पर टकराव के बीच भारत ऐसी कोई मंजूरी नहीं देगा।
2020 तक, पूरे भारत में नौ मिलियन ट्रक और ट्रांसपोर्टर माल ढुलाई में शामिल थे। ऑटोमोटिव लुब्रिकेंट निर्माता कैस्ट्रोल द्वारा 2018 में किए गए एक अध्ययन में भाग लेने वाले लगभग एक चौथाई ट्रक ड्राइवरों ने नींद की कमी की शिकायत की। 53% तक ने थकान, अनिद्रा, मोटापा, पीठ दर्द, जोड़ों और गर्दन में दर्द, खराब दृष्टि, सांस फूलना, तनाव और अकेलेपन की बात को स्वीकार किया है।
चालक सतर्कता और चेतावनी के प्रभावी आकलन के लिए यूरोपीय संघ की प्रणाली यातायात जोखिम अनुमान (AWAKE) के अनुसार परियोजना ने थकान चेतावनी प्रणाली के लिए दिशानिर्देश विकसित किए हैं। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ट्वीट किया कि मैंने अधिकारियों से यूरोपीय मानकों के मुताबिक वाणिज्यिक वाहनों के ड्राइवरों को नींद आने का पता लगाने वाले सेंसर को लेकर नीति पर काम करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि वह जिला सड़क समितियों की नियमित बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्रियों और जिला कलेक्टरों को पत्र लिखेंगे। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद (एनआरएससी) में उन्होंने अधिकारियों को यूरोपीय मानकों के अनुरूप वाणिज्यिक वाहनों में ऑन-बोर्ड स्लीप डिटेक्शन सेंसर शामिल करने की नीति पर काम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने एनआरएससी सदस्यों से सड़क सुरक्षा के विविध क्षेत्रों में काम करने को कहा ताकि और लोगों की जान बचाई जा सके। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने परिषद की बैठक हर दो महीने में आयोजित करने का निर्देश दिया है।