खूंखार मधुमक्खियाें ने ढाया कहर, 63 जानें ले कर बनी क़ातिल
दक्षिण अफ्रीका: कोई किसी की जान या तो अपनी जान बचाने के लिए लेता है या बदला लेने के लिए यूं कोई किसी पर हमलावर नहीं होता है। यही हाल मधुमक्खियों का है जब तक उनको परेशान ना किया जाए वह किसी पर हमला नहीं करती, जब उन्हें अपनी जान का खतरा होता है तभी वे अपनी जान बचाने के लिए हमलावर होती हैं ,कहा जाता है कि जब तक मधुमक्खियों को परेशान नहीं किया जाता वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में इन ‘खूनी’ मधुमक्खियों ने एक दो नहीं बल्कि 63 लाखें बिछा दीं।
दरअसल इन मधुमक्खियों के निशाने पर लुप्तप्राय अफ्रीकी पेंगुइन थे।
दक्षिण अफ्रीका फाउंडेशन फॉर द कंजर्वेशन ऑफ कोस्टल बड्र्स ने बताया कि मधुमक्खियों के झुंड ने केप टाउन के बाहर समुद्र तट पर यह हमला किया। इसे दुर्लभ घटना माना जा रहा है। फाउंडेशन के पशु चिकित्सक डेविड रॉबट्र्स के अनुसार परीक्षण के बाद टीम को मृत पेंगुइन की आंखों के आसपास मधुमक्खी के डंक मिले हैं।
उनके मुताबिक मौके पर मृत मधुमक्खियां भी मिली थीं। मृत पाए गए संरक्षित पक्षी केप टाउन के पास एक छोटे से शहर सिमोंस्टाउन की एक कॉलोनी के थे। यह क्षेत्र एक राष्ट्रीय उद्यान है और केप मधुमक्खियां पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा हैं। रॉबट्र्स के अनुसार पक्षियों को पोस्टमार्टम के लिए फाउंडेशन में ले जाया गया और बीमारी और उनमें जहर परीक्षण के लिए नमूने भेजे गए। किसी भी पक्षी पर कोई बाहरी शारीरिक चोट नहीं पाई गई लेकिन पोस्टमॉर्टम से पता चला कि सभी पेंगुइन में कई मधुमक्खी के डंक थे। ये पेंगुइन दक्षिणी अफ्रीका के तट और द्वीपों पर रहते हैं। इन्हें इंटरनेशनल यूनियन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ नेचर्स की रेड लिस्ट में शामिल किया गया है। इसका अर्थ है कि वे विलुप्त होने के एक उच्च जोखिम का सामना कर रहे हैं।